इंदौर।बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और नेताओं को शहर की मुख्य सड़क पर भारी ट्रैफिक दबाव के बीच चक्का जाम करना महंगा पड़ गया (Bajrang dal jammed in Indore). दरअसल इंदौर पुलिस और प्रशासन के तमाम तरह से समझाने के बावजूद बजरंग दल के पदाधिकारी चक्का जाम को हटाने को तैयार नहीं हुए तो पुलिस को शहर की जनता की परेशानी के मद्देनजर बजरंगियों पर लाठियां भांजनी पड़ी. इसके बाद शहर के पलासिया चौराहे पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई.
दर्जनों लोग हिरासत में:पुलिस की पिटाई में जहां कई कार्यकर्ता घायल हो गए, वहीं दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया है. हालांकि अब चुनावी वर्ष में पुलिस द्वारा बजरंगियों की पिटाई का मामला राजनीतिक रूप से तूल पकड़ सकता है. वहीं, इंदौर पुलिस पर भी इस घटना के बाद उंगलियां उठनी तय मानी जा रही हैं. दरअसल अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार, इंदौर के पलासिया थाना छेत्र में नाइट कल्चर की आड़ में होटल, पब और बारों मे खुल्ला नशा खोरी और बजरंगियों पर झूठे प्रकरण दर्ज को लेकर बजरंग दल के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने गुरुवार शाम 7:30 बजे पलासिया थाने का घेराव किया था.
कार्यकर्ता पर झूठे केस का आरोप:घेराव के दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि कुछ दिन पूर्व ही संगठन के एक कार्यकर्ता पर राजनीति दबाव के कारण उस पर 3 थानों में अलग अलग झूठा प्रकरण दर्ज किया गया. वहीं, पलासिया थाना क्षेत्र में नाइट कल्चर की आड़ में अर्धरात्रि तक चल रहे पब व बार से बढ़ती नशाखोरी व अश्लील घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. लिहाजा बजरंग दल के पदाधिकारी पर केस दर्ज होने के विरोध में बजरंग दल द्वारा बड़ी संख्या के साथ भगवा ध्वज व हाथों में तख्तियां लिए बजरंगी चक्का जाम कर रहे थे.
चक्का जाम से जनता हुई त्रस्त: शहर के सबसे मुख्य चौराहे पर चक्का जाम होने से करीब पलासिया चौराहे के आसपास 5 किलोमीटर के इलाके में जाम की स्थिति बन गई. 1 घंटे तक आधे शहर की सड़कों पर जाम के कारण जब लोग त्रस्त हो गए तो पुलिस ने बजरंग दल के पदाधिकारियों को चक्का जाम खत्म करने का अनुरोध किया. लेकिन बजरंगी मानने को तैयार नहीं थे. फल स्वरूप पुलिस को मौके पर ही चक्का जाम खुलवाने के लिए लाठियां भांजनी पड़ी. इस दौरान कई लोग घायल भी हो गए. जबकि कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.