इंदौर।प्रॉपर्टी के लिहाज से प्रदेश के सबसे महंगे शहर में अब बिना लाइसेंस (license for property dealer in indore) के दलालों को प्रॉपर्टी के सौदे करना मुश्किल होगा. संपत्तियों की खरीदी बिक्री अवैध तरीके से होने के कारण लोगों के साथ हो रही धोखाधड़ी के चलते इंदौर जिला प्रशासन ने प्रॉपर्टी ब्रोकर के लिए भी लाइसेंसिंग की व्यवस्था को लागू करने की तैयारी कर ली है. अब संपत्तियों की खरीदी-बिक्री से लेकर किराए पर दिलाने के लिए दलालों को नगर निगम से लाइसेंस लेना होगा. इसके बाद ही वे संपत्तियों के सौदा करा सकेंगे.
अब से पहले क्या हो रहा था ?
इंदौर में करीब तीन दशकों से कच्चे बिलों अथवा डायरी पर प्लॉटों की खरीदी बिक्री होती रही है. डायरी पर संपत्तियों के खरीदी का कोई वैधानिक रिकॉर्ड नहीं होने के कारण कॉलोनाइजर से लेकर ब्रोकर (new rule for property broker in indore) तक प्रॉपर्टी खरीदने वाले ग्राहकों के साथ मनमानी करते रहे हैं.
क्यों उठाया कदम ?
हाल ही में जिला प्रशासन को ऐसी भी शिकायतें मिलीं थीं, जिसके चलते संपत्तियों की डायरी के आधार पर ब्याज संपत्तियां गिरवीं रखने से लेकर ब्याज का धंधा किया जा रहा था. इसके अलावा डायरी के आधार पर ही प्लॉट खरीदने वालों से दलाल 12% की दर से संपत्ति की बाकी राशि वसूल रहे थे.
ब्रोकर से जिला प्रशासन से की सीधी बात
इंदौर जिला प्रशासन ने इस तरह की अवैध संपत्तियों की सौदेबाजी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए करीब एक दर्जन दलालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए हैं. आज इस मामले में इंदौर जिला प्रशासन ने शहर के प्रॉपर्टी ब्रोकर एसोसिएशन (indore property broker association) के करीब 150 और इंदौर रिटेलर वेलफेयर एसोसिएशन के 80 से ज्यादा सदस्यों से डायरी पर संपत्तियों के सौदा नहीं करने को लेकर सीधा संवाद किया.