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अब सस्ता होगा ट्रेन के एसी कोच का सफर, AC3 tire से 8 फीसदी कम हो सकता है AC3 इकोनॉमी क्लास का फेयर स्लैब

अब रेल में AC3 tire से AC3 इकोनॉमी क्लास का किराया 8 फीसदी कम होगा. रेलवे ने इसकी तैयारी कर ली है. रेलवे की मानें तो यह बदलाव इसलिए किया जा रहा है क्योंकि स्लीपर क्लास के यात्रियों को कम किराए में एसी क्लास में सफर का मौका मिल सकें.

Now journey of AC coach of train will be cheaper
अब सस्ता होगा ट्रेन के एसी कोच का सफर

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Published : Aug 27, 2021, 5:41 PM IST

हैदराबाद।रेलवे एसी ट्रेन (AC Train) का सफर सस्ता करने की तैयारी में है. सूत्रों के मुताबिक अब रेलवे एसी3 इकोनॉमी क्लास (AC3 Economy Class) कोचों में सामान्‍य एसी3 टियर कोच की तुलना में सफर 8 फीसदी तक सस्‍ता होगा. भारतीय रेल ने नए एसी3 इकोनॉमी क्लास का किराया तय कर दिया है.

स्लीपर क्लास के कोच होंगे कम

एसी3 इकोनॉमी क्लास कोचों में कुछ खास सुविधाएं रखी गई हैं. इसके लिए ट्रेनों से स्लीपर क्लास के कोच कम किए जाएंगे. भविष्य में गरीब रथ ट्रेनों में भी एसी-3 इकॉनोमी कोच ही इस्तेमाल किए जाएंगे. इसका मकसद स्लीपर क्लास के यात्रियों को कम किराए में एसी क्लास में सफर का मौका देना है.

800 एसी-3 इकॉनोमी कोच तैयार करेगा रेलवे

कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में एसी3 इकॉनोमी क्लास के 50 कोच तैयार किए गए हैं. ये कोच देशभर में अलग-अलग रेलवे जोन को भेजे जाऐंगे. रेलवे इस साल एसी-3 इकॉनोमी के 800 कोच तैयार करेगा. इनमें 300 कोच इंटिग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई, 285 कोच मॉडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली और 177 रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में तैयार किए जाएंगे.

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रेलवे को इससे होगा ज्यादा फायदा

एसी3 टियर इकॉनोमी क्लास में 83 बर्थ हैं. इसके लिए साइड में 2 की जगह 3 बर्थ रखे गए हैं. जबकि एसी3 में 72 बर्थ होते हैं. यानि एसी-3 इकॉनोमी क्लास में एसी3 के मुकाबले करीब 15 फीसदी ज्यादा बर्थ हैं. इसका मतलब है कि रेलवे को एसी-3 इकोनॉमी क्लास के डब्बे से ज्यादा फायदा होने वाला है.

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रेलवे को एसी3 क्लास से ही होता है फायदा

रेलवे को एसी3 क्लास से 7 फीसदी का फायदा होता है. वहीं सब अर्बन ट्रेन पर 64 फीसद का नुकसान उठाना पड़ता है, जबकि नॉन सब अर्बन ट्रेन के सवारी डिब्बों पर 40 फीसद का नुकसान होता है. एसी 1 पर करीब 24 फीसदी का नुकसान, एसी 2 पर करीब 27 फीसदी नुकसान, स्लीपर क्लास से करीब 34 फीसदी का नुकसान और चेयर कार से करीब 16 फीसदी का नुसकान रेलवे को होता है.

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