इंदौर। नोटबंदी और आर्थिक मंदी के दौर में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से बीते साल आयकर विभाग अपने लक्ष्य की तुलना में आधे से भी कम टैक्स की वसूली कर पाया है. यही वजह है कि अब बकायेदारों के खिलाफ 31 मार्च तक बड़े पैमाने पर टैक्स की वसूली के लिए अभियान शुरू होने जा रहा है. इस दौरान आयकर चोरी की गिरफ्त में आने वाले करदाताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की तैयारी है.
अब तक 14, 020 करोड़ टैक्स की वसूली
बुधवार को इंदौर में प्रधान आयकर आयुक्त अशोक कुमार चौहान ने जानकारी देते हुए बताया वित्तीय वर्ष 19-20 में कुल 27,844 करोड़ के लक्ष्य की तुलना में विभाग अब तक 14, 020 करोड़ के टैक्स की वसूली ही कर पाया है, जो निर्धारित लक्ष्य का मात्र 45 परसेंट है. उन्होंने बताया इस वित्तीय वर्ष में 24,300 आयकर के प्रकरणों में टैक्स का निर्धारण किया गया है. इनमें से 13800 प्रकार ऐसे हैं, जिनमें नए सिरे से टैक्स अधिरूपन किया गया है.
7 लाख नए करदाताओं को जोड़ने का लक्ष्य
अशोक कुमार चौहान ने बताया इस साल आयकर विभाग में 75, 979 इनकम टैक्स रिटर्न फाइल हुए, जो पिछले साल के मुकाबले 16.5 परसेंट है, जबकि दोनों राज्यों में 32,89, 010 करदाता जुड़े हैं. हालांकि विभाग की कोशिश है कि 31 मार्च तक 7 लाख नए करदाताओं को और जोड़ा जाए. चौहान ने बताया आयकर के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आगामी 31 मार्च तक विभाग उन करदाताओं पर शिकंजा कसने जा रहा है, जो टैक्स का सेल्फ एसेसमेंट तो करते हैं, लेकिन वास्तविक राशि जमा नहीं करते.विभाग ने ऐसे लोगों को भी चिन्हित किया है, जिन्होंने पिछले साल सेल्फ एसेसमेंट टैक्स नहीं भरा है. ऐसे करदाताओं पर करीब 155 करोड़ रुपए का टैक्स बकाया है. इनसे भी 31 मार्च तक निर्धारित राशि की वसूली होगी.