इंदौर।एआईसीटीएसएल की सिटी बसों को प्राइवेट कंपनी की तर्ज पर चलाया जा रहा है, लेकिन चलाने वाले इसे सरकारी मानकर चलते हैं कि कभी कार्रवाई नहीं होगी. ट्रैफिक एडिशनल एसपी ने एक सिटी बस को पकड़ा तो पुराने 35 चालान सामने आए. चौराहों पर ट्रैफिक को कायदे में रखने के लिए कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी मदद से बिना भेदभाव के चालान बनाए जा रहे हैं. ट्रैफिक पुलिस बरसों से सिटी बस ऑपरेशन मैनेजर संदीप त्रिवेदी को चालन भरवाने का कहती आई है. त्रिवेदी कहते रहे कि हमारी बसें नियम तोड़ ही नहीं सकती. जिन बसों ने नियम तोड़े, उनका जुर्माना समय पर भरवाया जा रहा है.
सिटी बस ने फिर तोड़ा रेड सिग्नल :इसके बाद इसकी हकीकत एक सिटी बस ने बयां किया. नौलखा चौराहे पर तेजाजी नगर से गांधीनगर जाने वाली सिटी बस ने नेहरू पार्क के वहां रेड सिग्नल तोड़कर निकलने की कोशिश की. एडिशनल एसपी में बस को रुकवाया पता चला है कि यह बस पहले भी 35 बार रेड सिग्नल तोड़ चुकी है. जुर्माना कभी नहीं भरा ,इसलिए बस को जब्त कर लिया गया है. इसके पहले भी एक अन्य सिटी बस को पकड़ा था. उसके 32 चालन निकले थे. वह बस भी पुलिस ने जब्त की है. ट्रैफिक पुलिस पहले भी कई बार त्रिवेदी को बसों के चालान भेजकर भरवाने का कह चुकी है.