इंदौर। नगरी निकाय एक्ट में किए गए बदलाव को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है, इसके साथ ही आगामी निकाय चुनाव नई व्यवस्था के तहत करवाए जाने का रास्ता साफ हो गया है. कांग्रेस जहां नगरी निकाय एक्ट में किए गए बदलाव का स्वागत कर रही है, तो वही बीजेपी ने इसका विरोध किया है.
नगरीय निकाय एक्ट में बदलाव का कांग्रेस ने किया स्वागत, तो विरोध में बीजेपी - सीएम कमलनाथ
नगरीय निकाय एक्ट में बदलाव का कांग्रेस ने स्वागत किया है, तो वहीं बीजेपी इसका विरोध कर रही है. प्रदेश सरकार ने जो नई व्यवस्था लागू की है उसके मुताबिक मेयर का चुनाव सीधे मतदाता नहीं करेंगे, बल्की अब पार्षद मेयर को नर्वाचित करेंगे.
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बीजेपी के नेता राज्यपाल से इस प्रस्ताव को मिली मंजूरी को नियमों की अनिवार्यता बता रहे हैं. लेकिन उनका ये भी कहना है कि प्रदेश सरकार के द्वारा किए गए इस बदलाव से जनता के अधिकारों का हनन होगा और बीजेपी की तरफ से इसका विरोध लगातार जारी रहेगा.
नगरी निकाय एक्ट में किए गए बदलाव पर इंदौर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष फौजिया शेख अलीम का कहना है कि 'जिस तरह से इंदौर में महापौर के द्वारा पार्षदों की अनदेखी की जा रही थी. उसके बाद चुनाव व्यवस्था में परिवर्तन होना जरुरी था'. इस फैसले पर उन्होंने सीएम कमलनाथ को धन्यवाद भी दिया है. गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के सभी निकायों में महापौर और अध्यक्ष पद को अप्रत्यक्ष रूप से नियुक्त करने का प्रस्ताव कैबिनेट से पास किया गया था. जिसे पारित होने के बाद राज्यपाल को भेजा गया था. जिस पर कल राज्यपाल ने मुहर लगा दी है. इसके बाद प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में महापौर का चुनाव सीधे जनता से ना होते हुए पार्षदों के द्वारा किया जाएगा.