इंदौर। लॉकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार ने पायलट योजना के तहत 'FIR आपके द्वार' योजना की शुरुआत की थी. शुरुआती चरण में इंदौर के पलासिया और हातोद थाने में योजना की शुरूआत की गई थी. शिकायत आने पर पुलिस ने घर जाकर मामले को निपटाया था. एक महीने बाद इस पायलट योजना का असर दिखने लगा है. इस योजना के जरिए कई लोगों ने घर बैठे ही शिकायत की और पुलिस ने घर जाकर संबंधित की शिकायत के आधार पर कार्रवाई भी की है.
इंदौर में दिखने लगा 'FIR आपके द्वार' योजना का असर FIR आपके द्वार योजना के तहत इंदौर के पलासिया व हातोद थाना को जोड़ा गया और इसके तहत FRV (Fast responce vehicle) वेन में अधिकारियों को तैनात किया गया था. पुलिस ने मारपीट और अन्य मामलों में फरियादी के घर जाकर ही शिकायत सुन मामला दर्ज किया गया था, पिछले एक महीने से यह क्रम जारी है. जब भी कोई शिकायतकर्ता मामला दर्ज करवाने को लेकर थाने में कॉल करता है तो FRV उसके घर पहुंचती है और मामले की जांच कर कार्रवाई करती है.
एक महीने में 24 से ज्यादा FIR दर्ज हो चुकीं हैं. वहीं योजना के तहत कई लोगों के आदम चेक भी काटे गए हैं. इस योजना से कई लोगों को फायदा पहुंच रहा है. कई लोग मारपीट होने पर शिकायत करने थाना नही आते थे या उन्हें धमका दिया जाता था, लेकिन जब से योजना की शुरूआत हुई, तभी से मामलों में बढ़ते ही जा रहे हैं. वहीं पुलिस भी इस योजना का बेहतर तरीके से उपयोग कर रही है. आने वाले समय में कई और थानों में भी इस योजना को शुरू किया जा सकता है.
देश का हॉटस्पॉट बन चुके इंदौर में कोरोना संक्रमितों की तादात में लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन शहर के आसपास लगे गांवों में कोरोना का एक भी मरीज नहीं है. शहर के हातोद थाने में पदस्थ थाना प्रभारी ने बताया कि उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर बैठक ली और जागरूकता अभियान चलाया. अभियान के परिणाम के चलते तीन महीने बाद भी ग्रामीण एरिया से अभी तक कोरोना मरीज सामने नहीं आया है.