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अनलॉक की प्रक्रिया के साथ बढ़ी अवैध मादक पदार्थों की तस्करी, चपेट में आ रहे युवा

प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी भी दिनों दिन बढ़ रही है, जिसमें ज्यादातर युवा शामिल हैं. NDPS एक्ट के तहत कुल 617 मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें अफीम, गांजा, चरस और केमिकल ड्रग्स के मामलों की तादात ज्यादा थी. पूरे प्रदेश में कुल 900 आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है. जांच में पता चला है कि प्रदेश में सिंथेटिक ड्रग्स का प्रचलन बढ़ा है. इंदौर में जैसे ही स्टूडेंट्स की तादात बढ़ती है, वैसे ही इस प्रकार के ड्रग की मांग में भी तेजी से आती है.

Intoxicant
मादक पदार्थ

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Published : Sep 7, 2020, 4:20 PM IST

Updated : Sep 7, 2020, 9:16 PM IST

इंदौर। मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर में ड्रग और नशीले पदार्थों की गतिविधियों में लगातार तेजी आई है. जैसे-जैसे देश में अनलॉक की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे ही बाजार सहित कई चीजों को अनलॉक किया जा चुका है. इंदौर डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र ने बताया कि धीरे-धीरे कई गतिविधियों में भी तेजी आ रही है, वहीं अब वैध के साथ कई अवैध काम भी शुरु होने लगे हैं. NDPS मामलों की बात की जाए तो वे सीधे इस ओर इशारा करते हैं, कि प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी भी दिनों दिन बढ़ रही है, जिसमें युवा ज्यादातर शामिल हैं. लॉकडाउन के दौरान भी इस प्रकार के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. अनलॉक की प्रक्रिया में अवैध मादक पदार्थों में भी बढ़ोतरी हुई है, पुलिस प्रशासन भी विशेष अभियान चलाकर आरोपियों की धरपकड़ करने में लगी हुआ है.

मादक पदार्थ

प्रदेश में युवा धीरे-धीरे ड्रग का शिकार होते जा रहे हैं. इंदौर के अलावा कई बड़े शहरों में हुई कार्रवाई इस ओर इशारा करती है कि ड्रग्स के मामले में युवाओं की तादात बढ़ी है. यह ड्रग और अवैध मादक पदार्थ इंदौर सहित पास के जिलों में प्रदेश के बाहर से भी लाए जा रहे हैं. एक ओर जहां नारकोटिक्स ने केमिकल ड्रग्स और अन्य प्रकार के ड्रग्स पर कार्रवाई की है, तो वहीं अवैध शराब के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है. सिंथेटिक ड्रग्स ने तेजी से अपना जाल फैलाया है, जिसकी चपेट में प्रदेश के कई युवा आए हैं.

लैब

प्रदेश में अप्रैल से जुलाई तक NDPS एक्ट के तहत कुल 617 मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें अफीम, गांजा, चरस और केमिकल ड्रग्स के मामलों की तादात ज्यादा थी. पूरे प्रदेश में कुल 900 आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है. जांच में पता चला है कि प्रदेश में सिंथेटिक ड्रग्स का प्रचलन बढ़ा है. यह ड्रग्स कई राज्यों से प्रदेश के कई शहरों में आ रहे हैं, जिसने युवाओं को बड़ी तादात में अपनी चपेट में भी लिया है. एमपी नारकोटिक्स विंग ने ड्रग्स मामले के आंकड़े जारी किए हैं.

लॉकडाउन के वक्त ड्रग्स के मामले लॉकडाउन के बाद के मामले
महीनामामलेगिरफ्तार आरोपीड्रग्स जब्तमहीनामामलेगिरफ्तार आरोपीड्रग्स जब्त
अप्रैल 13 29 आरोपी 2725 नग टेबलेट जब्त जून 13 27 आरोपी 2725 नग टेबलेट जब्त
मई 10 18 आरोपी 2725 नग टेबलेट जब्त जुलाई 19 41 आरोपी 57231 नग टेबलेट जब्त

केमिकल फैक्ट्री में बनाए जाने वाले ड्रग्स की बात की जाए तो इसमें सिंथेटिक ड्रग्स के कई प्रकार हैं, जो कि केमिकल से लेबोरेटरी में बनाए जाते हैं. इनकी डिमांड रेव पार्टी और यूथ पार्टियों में ज्यादा होती है. इंदौर में जैसे ही स्टूडेंट्स की तादात बढ़ती है, वैसे ही इस प्रकार के ड्रग की मांग में भी तेजी आती है. अवैध शराब और अन्य मादक पदार्थों के साथ इस तरह के ड्रग्स बड़ी संख्या में बेचे जाते हैं. ऐसा ही एक सिंथेटिक ड्रग्स ट्रेंड में है जिसे म्याऊं म्याऊं, इफ्तामाइन, एलएसडी सहित अन्य कई ड्रग्स होते हैं, जो युवाओं की पसंद हमेशा रहते हैं.

ड्रग्स

पुलिस के साथ ही नारकोटिक्स विभाग इन मादक पदार्थों पर कार्रवाई करता है, लेकिन इसके अलावा कई अन्य एजेंसियां भी हैं, जो देश को नशे की लत से बचाने और अवैध व्यापार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती हैं. अवैध शराब मामलों में इंदौर पुलिस ने लॉकडाउन के बाद अपनी कार्रवाई करना शुरू की है. पुलिस ने शहर में 4 सितंबर से शुरू की कार्रवाई में करीब 104 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. आने वाले कई दिनों तक पुलिस इसे एक अभियान की तरह शहर में चलाने वाली है.

अनलॉक की प्रक्रिया के साथ ही ड्रग व नशीले पदार्थों की गतिविधियों में भी बढ़ोतरी हुई है और मादक पदार्थों का कारोबार भी उसी हिसाब से गति प्राप्त कर रहा है जिस हिसाब से अन्य गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है हालांकि लगातार हो रही कार्रवाई से यह उम्मीद जताई जा रही है कि अवैध मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों पर इसकी मार पड़ेगी.

Last Updated : Sep 7, 2020, 9:16 PM IST

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