इंदौर। स्वच्छ शहर इंदौर नगर निगम की परिषद की पहली बजट बैठक में जमकर हंगामा हुआ. इस दौरान कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों के बीच जमकर नारेबाजी और बहस की स्थिति बनी. निगम परिषद और महापौर के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. वहीं कांग्रेस ने इंदौर नगर निगम के बजट को कोरा झूठ बताते हुए इसे इंदौर शहर की जनता के साथ धोखा करार दिया है.
दरअसल, बीते दिन जारी हुए इंदौर नगर निगम के 7500 करोड़ के स्वीकृत बजट पर आज चली बैठक के दौरान कांग्रेस ने सवाल उठाया की इंदौर नगर निगम की कुल आय करीब 2000 करोड़ है. जिसमें से करीब 12 सौ करोड़ रुपए कर्मचारियों के वेतन, पेंशन, डीजल और मेंटेनेंस आदि पर खर्च होते हैं. शेष बचे 700- 800 करोड़ के बावजूद महापौर पुष्यमित्र भार्गव की परिषद ने 7500 करोड़ रुपए का बजट घोषित कर दिया. जो अपने आप में हास्यास्पद स्थिति है, नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने आरोप लगाते हुए कहा महापौर ने इसी तरह पूर्व में 100 दिन की कार्य योजना की घोषणा की थी. जिसमें शहर के गोपाल मंदिर निर्माण एमजी रोड इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट शहर की तमाम सड़कों पर एलईडी आदि लगाने की घोषणा की थी. जो झूठ साबित हुई. अब यही पुनरावृत्ति बजट में की जा रही है. यह बताने को कोई तैयार नहीं है कि जब निगम के पास राशि ही दो हजार करोड़ की है तो 7500 करोड़ के विकास कार्य की राशि कहां से आएगी.