इंदौर। अफगान संकट के बाद उभरे हालातों के मद्देनजर भारत सरकार अब उन भारतीयों को वापस लाने की कोशिशों में जुटी है, जो अब तक अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं ऐसे भारतीयों की संख्या करीब 1650 बताई जा रही है. इस बीच केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया है कि भारत सरकार वंदे भारत मिशन के तहत अफगानिस्तान में फंसे हर भारतीय नागरिक को लाने तक वहां वायु सेना की उड़ानें सुचारू रहेगी.
अफगानिस्तान में फंसे हर भारतीय को वापस लाएगी सरकार वायुसेना के विमान से नागरिकों को निकालने का प्रयास
जन आशीर्वाद यात्रा के तहत इंदौर पहुंचे केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान सिंधिया ने पिछले सप्ताह से ही एयर इंडिया की फ्लाइट अफानिस्तान में फंसे भारतीयों को लाने का काम कर रही है. अब वहां का एयर स्पेस सिविलियंस फ्लाइट के लिए प्रतिबंधित होने के बाद वायुसेना के विमानों से देश के नागरिकों को निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं.
हर एक भारतीय को वापस लाएगी भारत सरकार
सिंधिया ने कहा कि अफगानिस्तान के अल-अलग शहरों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए भारतीय वायुसेना के C13 हरकुलिस ग्लोबमास्टर ने उड़ान भरी थी. इस विमान ने काबुल एयरपोर्ट से 130 भारतीयों को एयरलिफ्ट किया था, जिसमें भारत के राजदूत समेत कई नागरिक शामिल थे. सिंधिया ने कहा कि अफगानिस्तान में फंसे भारत के हर एक नागरिक को वापस लाने तक भारत सरकार अपना अभियान जारी रखेगी.
ना थकेंगे ना रुकेंगे: अफगानिस्तान में फंसे हर भारतीय को वापस लाएंगे, 1650 अभी भी काबुल में फंसे हैं
1650 से ज्यादा भारतीयों ने लगाई वापसी की गुहार
बताया जा रहा है कि फिलहाल 1650 लोगों ने भारतीय दूतावास में वतन वापसी की गुहार लगाई है. जानकारों का कहना है कि यह शुरुआती संख्या है अभी इस संख्या में इजाफा हो सकता है. वायुसेना की पहली फ्लाइट से भारतीय दूतावास में काम करने वाले लोग भारत लौट चुके हैं, जबकि काबुल समेत अफानिस्तान के अन्य इलाकों में काम करने वाले भारतीय अभी भी फंसे हुए हैं. इसमें कई लोग मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, देहरादून और दिल्ली से हैं.