इंदौर। 8 नवंबर को गोमटगिरी स्थित कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर प्रशासन ने अतिक्रमण की कार्रवाई को अंजाम दिया था. ये कार्रवाई जिला प्रशासन और इंदौर नगर निगम ने संयुक्त रुप से की थी. इसके अलावा कंप्यूटर बाबा को गिरफ्तार कर जेल में बंद किया गया था. कंप्यूटर बाबा के खिलाफ अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में चार मामले दर्ज हैं. प्रशासन ने उनके दो आश्रमों पर भी कार्रवाई की है. इसके अलावा कंप्यूटर बाबा को 12 दिनों तक जेल में भी रहना पड़ा था. इस पूरे मामले को लेकर कंप्यूटर बाबा की ओर से इंदौर हाईकोर्ट खंडपीठ पर याचिका लगाई गई थी. याचिका के जरिए शासन से जवाब मांगे गए थे कि आखिर इस तरह की कार्रवाई क्यों की गई. पूरे मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद इंदौर हाईकोर्ट खंडपीठ ने शासन को कंप्यूटर बाबा की याचिका पर जवाब पेश करने के लिए आदेश दिए थे. जिसके बाद बुधवार को इस पूरे मामले पर शासन की ओर से करीब 8 से ज्यादा पन्नों के जरिए जवाब पेश किया गया है.
शिकायतों के आधार पर की गई कार्रवाई
बुधवार को पेश किए गए जवाब में कहा गया है कि कंप्यूटर बाबा के खिलाफ अलग-अलग तरह की शिकायतें आ रही थीं. उन्हीं शिकायतों के आधार पर कंप्यूटर बाबा पर कार्रवाई की गई है. वहीं उनके ऊपर जिस तरह से कार्रवाई की गई वह पूरी तरीके से कानून का पालन करते हुए ही की गई है. इसमें किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया गया है.
अवलोकन के बाद दिया जाएगा प्रतिउत्तर
अब इस पूरे मामले में कंप्यूटर बाबा के वकील ने कहा है कि शासन ने जो जवाब दिया है उसका अवलोकन करेंगे. उसके बाद प्रतिउत्तर दिया जाएगा. उनका कहना है कि शासन ने जिस तरह से जवाब पेश किया है, वह गोलमोल तरह से पेश किया है. फिलहाल उस पूरे जवाबों का अवलोकन किया जा रहा है और फिर उस पूरे मामले को लेकर एक प्रतिउत्तर याचिका दायर की जाएगी. और एक बार फिर सभी सवालों के जवाब मांगे जाएंगे.
कोर्ट की अवमानना को लेकर याचिका पर चार सप्ताह बाद होगी सुनवाई
कंप्यूटर बाबा की ओर से एक और अवमानना याचिका भी दायर की गई है. कंप्यूटर बाबा को इंदौर हाईकोर्ट खंडपीठ की ओर से अलग-अलग चार मामलों में जमानत दे दी गई थी, लेकिन इंदौर सेंट्रल जेल अधीक्षक और SDM ने उन्हें जमानत नहीं दी थी. इस पूरे मामले को लेकर भी याचिका लगी गई है और उस याचिका पर 4 सप्ताह बाद सुनवाई होगी.
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आदेश पर भी नहीं दी गई थी जमानत
कंप्यूटर बाबा के मामले में इंदौर हाईकोर्ट खंडपीठ ने कंप्यूटर बाबा के पक्ष में सुनवाई करते हुए धारा 151 के मामले में पांच लाख रुपए की बेइिंग गारंटी और जमानत देने के आदेश दिए थे. लेकिन सेंट्रल जेल अधीक्षक और SDM ने उन्हें पूरे मामले में जमानत नहीं दी थी, जिसके कारण इस पूरे मामले को लेकर कोर्ट की अवमानना के तहत एक याचिका दायर की गई थी.
कंप्यूटर बाबा के खिलाफ चार मामले थे दर्ज
कंप्यूटर बाबा के खिलाफ चार मामले शहर के अलग-अलग थाने में दर्ज थे. इनमें दो मामले गांधीनगर थाना, एक मामला एरोड्रम थाना और एक मामला SDM कोर्ट में दर्ज था. जहां SDM कोर्ट, एरोड्रम और गांधीनगर थाना के SC-ST (एट्रोसिटी एक्ट) और सरकारी काम में बाधा डालने के मामलों में कोर्ट ने बाबा को जमानत दे दी थी. जमानत मिलने की सूचना जैसे ही प्रशासन के पास पहुंची मंगलवार देर रात कंप्यूटर बाबा के खिलाफ गांधीनगर पुलिस ने एक और प्रकरण दर्ज कर लिया. प्रकरण दर्ज होने के बाद एक बार फिर कंप्यूटर बाबा की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आईं. गांधीनगर पुलिस ने सेंट्रल जेल में जाकर उनकी गिरफ्तारी ली, जिसके बाद गुरुवार को कंप्यूटर बाबा को कोर्ट के समक्ष पेश कर दिया गया. यहां दोनों पक्षों को सुनने के बाद कंप्यूटर बाबा को कोर्ट ने जमानत दे दी है और शाम को उन्हें जेल से रिहा भी कर दिया गया है.
इन मामलों में गए जेल -
- आठ नवंबर को पहला मामला दर्ज
पूर्व राज्यमंत्री और संत समाज के प्रदेश अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा के खिलाफ सबसे पहले आठ नवंबर को अवैध कब्जे के मामले में कार्रवाई की गई. जिला प्रशासन ने नगर निगम के साथ मिलकर गोमटगिरी टेकरी पर कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर जो अवैध अतिक्रमण किया था, उसे जमींदोज कर दिया. वहीं कार्रवाई के दौरान कई तरह की जब्ती भी पुलिस ने की है. पुलिस ने कंप्यूटर बाबा के आश्रम से बाइक के साथ कार भी जब्त की है.
- नौ नवंबर को भी दूसरे कब्जों को ढहाया था
प्रशासन ने सुपर कॉरिडोर पर करीब पांच करोड़ मूल्य की 20 हजार वर्गफीट जमीन मुक्त कराई थी. इसके लिए इस जमीन पर दो कमरे और करीब 1200 वर्गफीट पर निर्माण था. बाकी जमीन खुली थी. इसका कब्जा मुक्त होते ही आईडीए ने अफसरों को भेज दिया था. जानकारी के मुताबिक वहां सड़क बनाई जाएंगी.
- पुलिस ने बाबा के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा की भादवि की धारा 353, मारपीट व धमकी 323, 294, 506, 186, 34 और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की कई धारा के तहत केस दर्ज किया था. बाबा ने पंचायत के अतिमक्रमण हटाने के प्रयास के दौरान सचिव को धमकाया था. उसके साथ मारपीट भी की थी. वहीं, अतिक्रमण हटाने के पहले भी बाबा ने उसे धमकाया था.
- कंप्यूटर बाबा को जमानत मिलने की सूचना जैसे ही प्रशासन तक पहुंची, प्रशासन ने आनन-फानन में एक और प्रकरण इंदौर के गांधीनगर थाने पर दर्ज कर लिया. जिस पर उन्हें जमानत मिल गई है.