इंदौर। दुनिया भर में महामारी के रूप में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस के खिलाफ मध्यप्रदेश में लंबी लड़ाई लड़ने के लिए शिवराज सरकार तैयारियों में लगी है, यही वजह है कि, प्रदेश सरकार उन तमाम निजी अस्पतालों से भारी भरकम कर्ज के बदले मरीजों के इलाज का अनुबंध कर रही है, जिनमें कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
चौंकाने वाली बात यह है कि, अब राज्य शासन ने भी स्वीकार कर लिया है की, इस महामारी की वैक्सीन आने तक लोग संक्रमण का शिकार होते रहेंगे, ऐसी स्थिति में इलाज के लिए अस्पतालों में सतत व्यवस्था जारी रहेगी. जिन अस्पतालों से अनुबंध किया जा रहा है, उनमें इंदौर के तीन निजी अस्पताल हैं, जबकि शेष चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन है.
इंदौर में फिलहाल एमटीएच अस्पताल, एमआरटीबी हॉस्पिटल, न्यू चेस्ट टीवी अस्पताल और अरबिंदो अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा है, इनमें तीन शासकीय और एक निजी अस्पताल है. सामान्य बीमारियों में भी मरीजों को शासकीय अस्पतालों में उपचार की सुविधा मुहैया हो सके, इसलिए एमटीएच और न्यू चेस्ट टीवी हास्पिटल को रेड के साथ साथ यलो श्रेणी में भी रखा गया है.
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इंदौर के प्राइवेट अस्पताल जो कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए निर्धारित किए गए हैं, उनमें मरीजों से भारी भरकम फीस वसूली जा रही है. दरअसल पॉजिटिव रिपोर्ट आने के पहले तक मरीज के उपचार का खर्चा संबंधित परिजनों को ही देना होता है, ऐसी स्थिति में जो भी मरीज मजबूरी में निजी अस्पतालों में पहुंच रहा है, उसके इलाज के खर्चे में भारी भरकम बिलिंग हो रही है.