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मोबाइल टेक्नोलॉजी से घर-घर पहुंचा सट्टा, बच्चे भी हो रहे शिकार

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Published : Apr 29, 2021, 7:06 PM IST

Updated : Apr 29, 2021, 8:17 PM IST

एमपी के इंदौर में ऑनलाइन सट्टेबाजी ने पैर पंसारे हुए हैं. अब घर-घर में सट्टा खेला जा रहा है. जब से सट्टेबाजी का ऑनलाइन ट्रेंड शुरू हुआ है, तब से पर्ची से सट्टेबाजी कम हो गई है लेकिन ऑनलाइन सट्टेबाजी बढ़-चढ़कर की जा रही है. ऑनलाइन सट्टेबाजी में बड़ों के साथ-साथ बच्चे बी खेल रहे हैं.

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सट्टाबाजी

इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहलाई जाने वाली इंदौर में विभिन्न तरह के अपराधी विभिन्न तरह के आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते आए हैं. किसी समय इंदौर का नाम सट्टे में भी काफी मशहूर था. यहां के कई बड़े सट्टे के करोबारी देश के अलग-अलग राज्यों के साथ ही विदेश में बैठे कई बड़े सट्टे कारोबारियों के संपर्क में हैं. वहीं पुलिस का कहना है कि जब भी इस तरह की सूचना मिलती है तो उन सट्टेबाजों पर कार्रवाई की जाती है. इसके लिए विभिन्न तरह की टीमें पुलिस ने बनाई हुई हैं.

जिले में ऑनलाइन सट्टेबाजी बढ़-चढ़कर की जा रही है.

इंदौर में ऑनलाइन सट्टे ने पसारे पैर
इंदौर किसी समय सट्टे का गढ़ हुआ करता था. यहां इंदौर के सर्राफा बाजार, मल्हारगंज ऐसे क्षेत्र थे जहां घर-घर एक व्यक्ति सट्टे का कामकाज करता था. पहले दिल्ली और मुंबई से जिस तरह से कल्याण व अन्य तरह का सट्टा चलता था, जिसे पर्ची वाला सट्टा कहते थे. उसका बड़ा काम काज इंदौर में भी होता था. धीरे-धीरे सट्टा व्यापार अब ऑनलाइन हो गया है. पर्ची सट्टा अब पूरी तरह से बंद हो गया है. इंदौर में भी अब ऑनलाइन सट्टा पनप चुका है.

क्रिकेट के साथ अन्य चीजों पर भी लगता है सट्टा
इंदौर के सट्टेबाज इस तरह सक्रिय हैं कि वह क्रिकेट तक ही सीमित नहीं रहे. इंदौर की बात करें तो जहां पहले इंदौर में अधिकतर सट्टा क्रिकेट मैच पर लगता था तो वहीं अब ऑनलाइन सट्टा होने के कारण इंदौर के लोग क्रिकेट के साथ ही फुटबॉल, बैडमिंटन और अलग-अलग खेलों में सट्टा लगाते हैं. खेल के अलावा इंदौर में सोने-चांदी के भाव पर भी सट्टा लगाया जाता है.

विभिन्न ऐप के माध्यम से आसान हुई सट्टेबाजी
आज मोबाइल में विभिन्न तरह के ऐप मौजूद हैं. इन ऐपों में सट्टे लगाने वाले ऐप भी हैं. जिनमें धनराशि जमा कर सट्टा लगाया जाता है. क्रिकेट, फुटबॉल और भी अन्य खेलों पर सट्टा लगाया जाता है. आज मार्केट में लगभग 10 से 12 प्रचलित इस तरह की ऐप मौजूद हैं, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति आसानी से सट्टा लगा सकता है. इनके अलावा और भी ऐप हैं, जिन पर लोग सट्टा खेल रहे हैं.

फोन से सट्टा बच्चों तक भी पहुंचा
पहले जो पर्ची सट्टा और अन्य तरह के सट्टे चलते थे उन्हें अधिक उम्र के लोग ही आसानी से खेल सकते थे लेकिन जिस तरह से आज मोबाइल ऐप और ऑनलाइन गेम आएं हैं तब से यह सट्टा बच्चों तक में भी पहुंच गया. कई बच्चे तो ऑनलाइन गेम के माध्यम से आजकल सट्टा लगाना भी सीख गए हैं. यदि ऑनलाइन गेम के माध्यम से कोई बच्चा हार जीत का दाव खेलता है तो पुलिस की नजर में वह ऑनलाइन सट्टे की नजर में ही आता है. जिसके कारण कई बार बच्चा मानसिक तौर से परेशान भी हो जाता है. वहीं लगातार हारने के कारण वह विभिन्न तरह की आर्थिक अपराधी घटना को भी अंजाम देना शुरू कर देता है.

पुलिस करती है कार्रवाई
पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति किसी नंबर पर हार जीत का दांव लगाता है तो वह सट्टे की नजर में आता है. पहले यहां पर पर्ची सट्टा चलता था लेकिन धीरे-धीरे ऑनलाइन तरीके से संचालित किया जाता है. वहीं पुलिस के द्वारा समय-समय पर विभिन्न माध्यम से पुलिस को सूचना मिलती है तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी की जाती है. पुलिस ऑनलाइन सट्टे की रोकथाम के लिए विभिन्न तरह की टीमें भी गठित की हुई हैं, जो लगातार इस तरह के सट्टा पर भी नजर रखती है. इसी के साथ यदि किसी के माध्यम से भी सूचना मिलती है तो प्रभावी कार्रवाई की जाती है.

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इंदौर पुलिस ने की थी बड़ी करवाई
पिछले साल इंदौर पुलिस ने महू में ऑनलाइन गेम के माध्यम से सट्टा जिस तरह से संचालित किया जा रहा था, उसके तहत एक बड़ी कार्रवाई की थी. कार्रवाई के दौरान कई ऑनलाइन गेम की लिंक मिले थे, जिनके माध्यम से सट्टा खेला और खिलवाया जा रहा था. इसके अलावा बड़ी संख्या में हार जीत का दाव भी लगवाया जा रहा था. इस पूरे मामले में पुलिस ने करोड़ों रुपए से संबंधित सट्टे का खुलासा किया था. वहीं पुलिस के द्वारा आईपीएल मैचों पर लगने वाले सट्टे की सूचना के बाद कई कार्रवाइयों को पिछले साल अंजाम दिया गया था. जब भी इस तरह की सूचना मिलती है तो कार्रवाई की जाती है.

घर-घर में सट्टेबाजी
इंदौर एक समय सट्टे का गढ़ हुआ करता था लेकिन जिस तरह से आज टेक्नोलॉजी ने पैर पसारे हैं तो घर-घर में आज अलग-अलग तरह से सट्टा खेला जा रहा है. फिलहाल समय-समय पर पुलिस के द्वारा कार्रवाई भी की जा रही है. यदि सट्टे को पूर्णता बंद करना है तो राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को विभिन्न तरह की गाइडलाइन तय करनी होंगी. उसके बाद ही ऑनलाइन सट्टे पर नकेल कसी जा सकती है.

Last Updated : Apr 29, 2021, 8:17 PM IST

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