इंदौर।दुनिया भर में श्रम एवं रोजगार की चुनौतियों के मद्देनजर जी-20 देशों ने विभिन्न देशों के बीच श्रमिकों के कौशल एवं स्किल, सामाजिक सुरक्षा और विभिन्न देशों के बीच परस्पर वित्तीय सहयोग के जी 20 देशों के बीच सहमति बनी है. श्रम एवं रोजगार मंत्रियों की इस बैठक में किए गए समझौतों को अब श्रम एवं रोजगार के सेक्टर में सामूहिक रणनीति बनाकर लागू किया जा सकेगा. बैठक में विभिन्न देशों के 26 मंत्रियों के अलावा 176 प्रतिनिधि और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय स्तर के और विभिन्न वित्तीय संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
बैठक में हुए तीन मुख्य समझौते:G-20 देशों के बीच बनी परस्पर सहमति और समझौतों की जानकारी देते हुए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि ''जी-20 देशों के बीच जो तीन मुख्य समझौते हुए हैं उनमें सभी देशों ने आगे बढ़कर सहमति प्रदान की है. मुख्य तीन विषय और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों से संबंधित परिणामों को जी 20 देशों ने अपनाने का फैसला किया है. भारतीय नेतृत्व का समर्थन किया है जो श्रम एवं रोजगार के वैश्विक स्तर के लिए ऐतिहासिक कदम हैं.''
- -श्रमिकों के स्किल डिफरेंस (कौशल अंतराल) को लेकर चुनौतियां थी जिसके मद्देनजर एक देश के श्रमिक के कौशल अथवा प्रशिक्षण की डिग्री को दूसरे देशों में मान्य नहीं किया जा सकता था. इसे लेकर जी-20 देशों के बीच सहमति बनी है. क्षेत्र में स्किल फॉर जॉब पोर्टल डेटाबेस का विस्तार किया जाएगा. जिसके फलस्वरूप एक दूसरे देशों के बीच विकास और कौशल को साझा किया जा सकेगा. नतीजतन वैश्विक रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
- - जी 20 देशों के बीच गिग और प्लेटफार्म अर्थव्यवस्था के श्रमिकों को प्राथमिकता के आधार पर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की सहमति विभिन्न देशों के बीच बनी है. जिसमें श्रमिकों के वित्त पोषण के लिए सरकार नियोक्ताओं और श्रमिकों की जिम्मेदारी साझा करने की दिशा में सभी देश मिलकर काम करेंगे. इसके अलावा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए विभिन्न देशों की सीमा से बाहर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में भी आम सहमति बनी है..
- - मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिए वित्तपोषण को लेकर लिया गया. जिसके तहत जी-20 देशों के बीच सामाजिक सुरक्षा और सतत श्रमिकों के वित्त पोषण के लिए वैश्विक समाधान के तहत रणनीति तय की गई. फलस्वरूप विश्व स्तर पर सामाजिक सुरक्षा के साथ लाभदायक रोजगार के लिए वित्तपोषण के जरिए श्रमिकों का आर्थिक विकास संभव हो सकेगा.