मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

ETV भारत Special : ऐसे बढे़गी Politics में महिलाओं की भागीदारी, यहां तैयार हो रही हैं भविष्य की नेत्रियां - ऐसे बढे़गी Politics में महिलाओं की भागीदारी

महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने के साथ ही अब राजनीति के रास्ते भी दिखाए जा रहे हैं. ऐसा ही एक संगठन है नेत्री फाउंडेशन (Netri Foundation) , जो भविष्य की महिला नेत्रियां तैयार कर रहा है. यहां न केवल महिलाओं को चुनावी बारीकियां सिखाई जा रही हैं, बल्कि भाषण देने से लेकर बूथ मैनेजमेंट एवं कैंपेनिंग आदि सिखाई जा रही है. मकसद है कि आने वाले समय में हर चुनाव में उतरने वाली महिलाओं का वोट प्रतिशत बढ़ सके. (Woman leaders are ready for Politics) (Participation of women in politics) (Netri foundation in Bhopal)

Woman leaders are ready for Politics
महिलाओं को सिखा रहीं सियासत के दांवपेंच

By

Published : May 31, 2022, 1:29 PM IST

इंदौर।आज के दौर की विभिन्न संगठन अब इस बात पर चिंतन कर रहे हैं कि देश की महिलाओं को लेकर जो नीतियां तैयार होती हैं, उन्हें महिलाओं द्वारा ही तैयार किया जाए. इसी उद्देश्य के साथ इन दिनों राजधानी भोपाल में एक संगठन सक्रिय है नेत्री फाउंडेशन. इस संगठन के साथ देश की विभिन्न पार्टियों और इलाकों की करीब 21 महिला राजनीतिज्ञ जुड़ी हुई हैं. अब तक 400 महिलाओं को राजनीति में आने से लेकर सक्रिय रहने और खुद को चुनाव लड़ने के लिए तैयार करने जैसी ट्रेनिंग यहां दी जा चुकी है.

महिलाओं को सिखा रहीं सियासत के दांवपेंच

हर विधा की ट्रेनिंग मिलती हैं :नेत्री फाउंडेशन का दावा है कि इन 400 में से 4 महिलाएं अलग-अलग चुनाव भी लड़ चुकी हैं, जो हर चुनाव में अपना वोट प्रतिशत बढ़ा रही हैं. नेत्री फाउंडेशन द्वारा महिलाओं को राजनीति की बनाने के लिए चुनावी सर्वे चुनावों में टेक्नोलॉजी का उपयोग, बूथ मैनेजमेंट, चुनाव प्रचार, सोशल मीडिया कैंपेन, भाषण देने की कला एवं लोकसभा एवं विधानसभा में कैसे काम करना है, इस सब की ट्रेनिंग दी जाती है. इसके अलावा वर्तमान में जो पॉलिटिकल सपोर्ट सिस्टम है, उसमें चैंपियन करते हुए महिलाएं रणनीतिकार कैसे बनें, इसके लिए भी महिलाओं को तैयार किया जाता है.

महिलाओं को सिखा रहीं सियासत के दांवपेंच

सांसदों को भी ट्रेनिंग देती हैं :हाल ही में शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के एक संगठन के लिए नेत्री फाउंडेशन काम कर चुका है, जिसमें देश की छह सांसदों के अधीन काम करने के लिए 6 लड़कियों को भेजा गया है, जो आगामी 3 महीने तक सांसदों के साथ रहकर ट्रेनिंग लेंगी. विधानसभा और लोकसभा में 50 फ़ीसदी महिलाओं के दावों के बीच वर्तमान में 1% महिलाएं ही चुनाव लड़ रही हैं. इसके विपरीत पुरुषों का प्रतिशत 92 से 93 परसेंट है. यही वजह है कि नेत्री फाउंडेशन जैसे संगठन अब महिलाओं के लिए आगे आ रहे हैं.

Letter to Coal India: कमलनाथ ने कोल इंडिया को लिखा पत्र, जमुनिया पठार की भूमिगत खदान से 22 मिलियन टन निकाला जा सकता है कोयला

चुनाव में महिला शक्ति का वजूद दिखेगा :महिलाओं की राजनीति में भागीदारी बढ़ाने के लिए एक ऐसा इको सिस्टम भी तैयार हो रहा है, जहां प्रशिक्षित होने वाली महिलाएं चुनावी रणनीतिकार पीके जैसे संस्थानों के लिए भी काम कर सकें, इसके अलावा संस्थान की लड़कियां चुनाव लड़ने वाली महिला प्रत्याशियों के साथ काम कर रही हैं. कोशिश यही है कि देश में होने वाले हर चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके, क्योंकि आज के दौर में भी महिलाओं के लिए बनने वाली नीतियां और कल्याणकारी योजनाएं महिलाओं की भागीदारी के बिना ही बन जाती हैं. नेत्री फाउंडेशन की फाउंडर आकांक्षी अग्रवाल का कहना है कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details