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संकट में एमपी का किसान, भरोसा नहीं मुआवजा चाहिए: जीतू पटवारी

मध्यप्रदेश के पूर्व मत्री जीतू पटवारी ने खाद-बीज की किल्लत पर सरकार को घेरा है, उन्होंने एक के बाद एक सात ट्वीट कर किसानों को मुआवजा देने की मांग की, साथ ही मध्यप्रदेश से सोया स्टेट का दर्जा छिन जाने का भी अंदेशा जताया है क्योंकि इस बार बीज नहीं मिलने से सोया किसान मक्के की तरफ शिफ्ट हो गए हैं.

jitu patwari
जीतू पटवारी

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Published : Jul 12, 2021, 8:18 AM IST

इंदौर। मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री व इंदौर के राऊ से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने धड़ाधड़ सात ट्वीट कर सरकार पर सवाल दागे हैं. पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा- किसानों से अब कहां वो मुलाकात करते हैं! बस रोज-रोज झूठे सपनों की बात करते हैं! इस बार बोवनी के वक्त किसानों को सोयाबीन के बीज व खाद की किल्लत झेलनी पड़ी. जिसके चलते इस बार सोयाबीन की पैदावार भी प्रभावित होगी, मध्यप्रदेश सोयाबीन उत्पादन के मामले में देश में अव्वल है, जबकि महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है.

अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा- सोयाबीन उपज के मामले में देशभर में अव्वल मध्यप्रदेश में इस साल भी सोयाबीन का गंभीर संकट है! किसानों पर इस साल दोहरी मार पड़ रही है! पहले सरकारी सोसाइटी में बीज की किल्लत थी! साथ ही, बाजार से महंगा बीज खरीदने की मजबूरी भी! शिवराज जी, मदद का भरोसा नहीं, मुआवजा दीजिए.

तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा- आंकड़े प्रमाण हैं पिछले साल मध्यप्रदेश में 58 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी की गई थी! लेकिन, इस साल इसमें भारी कमी होने के आसार हैं! स्वाभाविक है कि इस कमी के चलते 'सोया स्टेट' का दर्जा मेरे मध्यप्रदेश से छिन सकता है!

अगले ट्वीट में जीतू पटवारी ने लिखा- मानसून की देरी से किसानों की मुसीबत अब ज्यादा बढ़ चुकी है! मध्यप्रदेश के किसान बड़े पैमाने पर सोयाबीन की खेती सालों से करते आए हैं, पर इस साल सोयाबीन की जगह मक्का लेता जा रहा है! क्योंकि पहली बोवनी के समय बीज कम थे!

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किसानों को यह भी डर है कि सोयाबीन के विकल्प के रूप में बोई जा रही फसल की पैदावार यदि ज्यादा हो गई तो दाम कम मिलेगा और किसानों की मुसीबत ज्यादा बढ़ जाएगी! कृषि अर्थव्यवस्था वाले प्रदेश के किसानों पर आया यह संकट गंभीर है!

शिव'राज' की तरफ से बीज संकट का कोई तार्किक जवाब सामने नहीं आया! लेकिन, किसान मानते हैं पिछले साल सोयाबीन की फसल खराब होने की वजह से बीज की उपलब्धता कम हो गई, इसलिए इस साल काफी कमी है! चिंता यह भी है सरकार ने तैयारी नहीं की!

शिवराज सरकार मानसून की देरी से खराब हुई बुआई के विकल्प में अब कम दाम पर बीज उपलब्ध करवाए. ताकि, खेती बची रहे! यह कड़वा सच भूलकर कि कृषि मंत्री कमल पटेल पूर्व में किसानों को सोयाबीन नहीं उगाने की सलाह दे चुके हैं!

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