इंदौर। खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों की बिक्री को लेकर 2012 में आपत्ति दर्ज कराने वाली पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखी है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार के अधीन हुई संपत्तियों की देखरेख के लिए सुमित्रा महाजन ने शिवराज सरकार को उनका कर्तव्य याद दिलाया है. उन्होंने अहिल्या ट्रस्ट की गतिविधियों के संचालन के लिए एक स्थाई व्यवस्था तंत्र बनाने की अपील की है.
खासगी ट्रस्ट मामला: पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने CM शिवराज को लिखा पत्र, की ये अपील
हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार के अधीन की जा रहीं खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों की देख-रेख के लिए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखा है. सुमित्रा महाजन ने अहिल्या ट्रस्ट की गतिविधियों के संचालन के लिए एक स्थाई व्यवस्था तंत्र बनाने की अपील की है.
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने 2012 में हरिद्वार का कुशावर्त घाट से सटी जमीन बिकने पर आपत्ति दर्ज कराई थी. इसके बाद राज्य सरकार ने इस पूरे मामले की जांच धर्मस्व विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव को सौंपी थी, जिन्होंने इस मामले में जांच के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत की है. अब जबकि दो अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिका पर हाईकोर्ट ने खासगी ट्रस्ट के स्वामित्व को नकारते हुए सभी संपत्तियों को राज्य सरकार द्वारा आधिपत्य में लिए जाने संबंधी आदेश दिया है, तो एक बार फिर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इस मामले में राज्य सरकार से अपील की है.
सुमित्रा महाजन का कहना है कि स्वतंत्रता के बाद इन संपत्तियों की व्यवस्था विवादित हो चुकी है. लिहाजा अब इन संपत्तियों की सुरक्षा और देखभाल उचित रूप से होती रहे इसके लिए अब संपत्तियां शासकीय नियंत्रण में आ चुकी है. इसलिए शासन का यह कर्तव्य हो जाता है कि देवी अहिल्या की इच्छा अनुसार उनका विनियोग और उपयोग हो यह सुनिश्चित करें. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि इन संपत्तियों की सुरक्षा, देख-रेख और वहां चलने वाली गतिविधियां संचालन के लिए स्थाई व्यवस्था तंत्र खड़ा होना चाहिए और इसकी देख-रेख के संबंध में एक अधिनियम पारित कर सभी संपत्तियों की समुचित व्यवस्था करना चाहिए.