इंदौर। वन विभाग के द्वारा पिछले 1 महीने से इंदौर की सीमाओं पर विभिन्न कर्मचारियों के द्वारा लॉकडाउन में ड्यूटी दी जा रही है. लेकिन जिन कर्मचारियों की वन विभाग ने शहर की सीमाओं पर लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी लगाई है उनकी उम्र 50 साल से 62 साल तक की उम्र है. इस दौरान उन्हें कई तरह की बीमारियों ने भी घेर रखा है क्योंकि 1 महीने से अधिक बीत जाने के बाद भी विभाग उनकी ड्यूटी नही बदल रहा है. वही लम्बी ड्यूटी पर तैनात होने के बाद भी आला अधिकारी इन कर्मचारियों पर किसी तरह का कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.
लॉकडाउन में सिर्फ एक जगह ड्यूटी लगाए जाने से नाराज वन कर्मी, की ये मांग - forest department indore
इंदौर के धार रोड पर वन विभाग का अमला भी लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवा रहा है और किसी भी वाहन को शहर में एंट्री नहीं दे रहा है. लेकिन ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों ने वन विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वह ड्यूटी लगाने के बाद उन्हें भूल गए हैं.
![लॉकडाउन में सिर्फ एक जगह ड्यूटी लगाए जाने से नाराज वन कर्मी, की ये मांग Forest Department after a months is not changing the duty of employees in lock down in indore](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-6962919-850-6962919-1587990045566.jpg)
कर्मचारियों का कहना है कि यदि 3 मई तक लॉकडाउन नहीं खुला तो वह खुद ही यहां से हट जाएंगे. क्योंकि यदि वह इस दौरान कोरोना संक्रमण से ग्रसित होते हैं तो विभाग उन्हें बीमा भी उपलब्ध नहीं करवाएगा. विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें वन विभाग के एक आला अधिकारी ने कहा है कि यदि वह ड्यूटी के दौरान कोरोना जैसी घातक बीमारी से संक्रमित होते हैं तो उन्हें 50 लाख का बीमा नहीं दिया जाएगा.
जिस दौर में हम सीमाओं पर रहकर ड्यूटी कर रहे हैं उसे किसी भी समय कोई अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है. विभाग को हमारे लिए सोचना चाहिए और यदि आने वाले समय में विभाग ने हमारी उम्र का लिहाज करते हुए ड्यूटी से नहीं हटाया तो हम खुद ड्यूटी से हट जाएंगे.