इंदौर। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए देशभर में लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन के तीसरे चरण में मजदूरों की घर वापसी कराई जा रही है. इस दौरान मजदूरों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे समय में शहर के युवाओं की टोली मजदूरों की मदद के लिए आगे आई हैं और शहर की सीमाओं से निकलने वाले मजदूरों को कपड़े, जूते, चप्पल बांट रहे हैं.
बेबस मजदूरों की मदद कर रहे युवा, खाने-पीने से पहनने तक की कर रहे व्यवस्था - मजदूरों की मदद
लॉकडाउन के चलते कहीं लोग सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल, तो कहीं अन्य संसाधनों से तय कर रहे हैं. इन जरूरतमंदों की मदद के लिए शहर के युवाओं की टोली लगातार काम कर रही है.
कोरोना वायरस के चलते किए गए लॉकडाउन से दूसरे राज्यों के मजदूर घर वापस लौट रहे हैं. ऐसे में उन्हें कई तरह की समस्या आ रही है. कई लोगों के जूते चप्पल टूट गए हैं. इन हालातों में महिलाएं छोट-छोटे बच्चों को लेकर घर वापसी के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल निकल पड़ी हैं. मजबूरी और बेबसी का आलम ये है कि, जान की परवाही किए बिना मजदूर अपने गांव लौटने लगे हैं.
शहर के युवाओं की टोली द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में जरूरतमंदों की तो मदद की जा रही है, जबकि हाईवे से गुजरने वाले श्रमिकों को भोजन भी बांटा जा रहा है. सेवा कार्य में जुटे समाजसेवी मनोज ठाकुर के अनुसार उनके और उनके साथियों द्वारा श्रमिकों के साथ-साथ जरूरतमंदों की मदद के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है. वर्तमान में बच्चों के लिए फल, आइसक्रीम और शरबत की व्यवस्था की गई है. ताकि इस भीषण गर्मी के साथ-साथ इस परेशानी में किसी को भी तकलीफ का सामना न करना पड़े.