इंदौर। गरीब और मजबूर कोरोना मरीजों के परिजनों से निजी अस्पतालों में हो रही लूटमार और वसूली के खिलाफ अब धारा 144 के तहत कार्रवाई की जाएगी. जिला प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए सभी अस्पतालों को अवैध वसूली और लूट के खिलाफ गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है.
अवैध वसूली के खिलाफ धारा 144 लगाने के आदेश
दरअसल, शहर में गरीब और मजदूर कोरोना मरीजों के परिजनों से लगातार बड़े पैमाने पर इलाज के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है. जिला प्रशासन के पास ऐसी तमाम शिकायतों के चलते पूर्व में भी कुछ अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. हाल ही में फिर शहर के वी केयर यूनिवर्सल और आरके हॉस्पिटल जैसे 15 से 20 बेड के निजी अस्पतालों की शिकायतें प्राप्त हुई हैं. ऐसे में कलेक्टर मनीष सिंह ने अस्पतालों की मनमानी और वसूली के खिलाफ धारा 144 लगाने के आदेश दिए हैं. इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि कोविड मरीजों से बेड चार्ज के रूप में अस्पताल सिर्फ 40 प्रतिशत ही राशि ले सकेंगे.
कलेक्टर ने जारी किया आदेश
कलेक्टर सिंह के द्वारा जारी किया गया आदेश आज से लागू हो जाएगा. यदि अब किसी अस्पताल के खिलाफ अधिक बिल की शिकायत प्राप्त होती है, तो शहरी सीमा के लिए अपर कलेक्टर अजय देव शर्मा और ग्रामीण क्षेत्र की शिकायतों के लिए अपर कलेक्टर राजेश राठौर को जिम्मा सौंपा गया है. ये दोनों अधिकारी ऐसे मामलों में अस्पतालों के खिलाफ एक्शन लेंगे.आदेश के अनुसार यह अधिकारी संबंधित अस्पतालों के संचालकों से मरीज की शिकायतों के आधार पर पूछताछ और कार्रवाई कर सकेंगे.
आदेश में तय की गई इलाज के आइटम की दरें
डॉक्टरों की फीस
निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों को देखने वाले डॉक्टरों की कंसलटिंग फीस 2000 या इससे कम रहेगी. इसके अलावा ऐसे डॉक्टरों को अधिकतम 10 दिन में भुगतान करना होगा.
कोरोना की जांच
निजी अस्पतालों में भी कोविड जांच 700 रु, रैपिड एंटीजन 300 रु, सीटी स्कैन 3000रु, एबीजी टेस्ट 600रु, डी टाइमर 500रु, प्रो कैल्सिटोनिन 1000 रु, सीआरपी 200 रु इसके अलावा घर से सैंपल लेने पर अतिरिक्त 200 रु लिए जा सकेंगे.