इंदौर। राशन घोटाले मामले में भंवरकुआं पुलिस ने भी एक शिकायत के तहत पूर्व खाद्य विभाग के अधिकारी सहित पांच अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में 12 सरकारी राशन दुकानों के जरिए करीब 51000 गरीब परिवारों के निवाले पर डाका डाला गया है. राशन माफियाओं ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत मिलने वाले खाद्यान्न में भी हेराफेरी की थी, जिसके तहत 12 जनवरी को शहर में दर्जन भर से अधिक दुकानों पर कार्रवाई की गई.
खाद्य विभाग के अधिकारी ने दर्ज कराई थी शिकायत
भंवरकुआ पुलिस को खाद्य विभाग के अधिकारी अविनाश जैन ने शिकायत की कि अभिनव नगर में हारानी लक्ष्मीबाई साख संस्था मर्यादित उपभोक्ता भंडार के द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल 2020 में जो खाद्यान्न आया था. वह हितग्राही को ना देते हुए उसे बेच दिया गया. वहीं खाद्य अधिकारी ने अपनी शिकायत में खाद्यान्न का विवरण भी दिया था. जिसके तहत भवरकुआं पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है. खाद्य अधिकारी ने पुलिस को बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल 2020 से जांच समय तक प्राप्त राशन और खाद्यान्न पात्र हितग्राहियों को वितरित ना करते हुए 14,528 किलोग्राम खाद्यान्न जिसमें गेहूं 10,530 किलो ग्राम चावल 3,998 किलोग्राम है. जिसकी कीमत तकरीबन 4,46070 रुपए है. इसी तरह से 292 किलो ग्राम चना दाल, 2905 पात्र हितग्राहियों को वितरित ना कर उक्त खाद्यान्न और राशन को आर्थिक लाभ प्राप्त करने के एवज में उसकी कालाबाजारी कर दी गई.
राशन घोटाला मामला:पूर्व खाद्य अधिकारी सहित पांच पर FIR दर्ज - खाद्यान्न और राशन
इंदौर में राशन घोटाले मामले में पुलिस ने पूर्व खाद्य विभाग के अधिकारी सहित पांच अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. वहीं इस मामले में एसआईटी भी जांच में जुटी है.
राशन घोटाला
फिलहाल इस पूरे मामले में जिला प्रशासन ने पुलिस को राशन घोटाले से संबंधित जितने भी दोषी हैं. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ ही उनकी जांच करने के निर्देश भी दिए हैं. पुलिस ने भी इस पूरे मामले में एसआईटी गठित की है, जो पूरे मामले की काफी बारीकी से जांच पड़ताल में जुटी हुई है. मामले में कई और थाना क्षेत्रों में भी राशन घोटाले से संबंधित आरोपियों पर और भी प्रकरण दर्ज हो सकते हैं.