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Fake remdesivir case: पुलिस को मिला आरोपियों का रिमांड, हुए कई बड़े खुलासे - indore news

नकली रेमडेसिविर के मामले में पुलिस ने गुजरात के मुख्य आरोपी पुनीत शाह, सुनील मिश्रा कौशल बोरा और एक अन्य को हिरासत में लिया हुआ है. इन आरोपियों से पूछताछ में पुलिस के हाथ कई महत्वपूर्ण सुराग लगे हैं.

Fake remdesivir case
नकली रेमडेसिविर मामला

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Published : Jun 1, 2021, 6:35 AM IST

इंदौर। नकली रेमडेसिविर के मामले (Fake remdesivir case) में पुलिस लगातार पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी हुई है. आने वाले दिनों में इस पूरे मामले में कुछ और साक्ष्य एकत्रित करने के बाद आरोपियों के खिलाफ और भी धाराओं में प्रकरण दर्ज किए जा सकते हैं. फिलहाल, पुलिस मुख्य आरोपियों से लगातार पूछताछ में जुटी हुई है.

नकली रेमडेसिविर मामला
बता दें कि नकली रेमडेसिविर के मामले में पुलिस ने गुजरात के मुख्य आरोपी पुनीत शाह, सुनील मिश्रा कौशल बोरा और एक अन्य को हिरासत में लिया हुआ है और उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है. वहीं, पुलिस ने एक बार फिर आरोपियों की रिमांड कोर्ट से ली है और अब 3 दिनों तक पुलिस आरोपियों से लगातार पूछताछ में जुटी हुई है. पूछताछ के दौरान पुलिस पकड़े गए आरोपियों से कई तरह के साक्ष्य एकत्रित करने में जुटी हुई है. साक्ष्य एकत्रित करने के बाद पुलिस पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ और भी धाराओं में मामला दर्ज कर सकती है. इसी के साथ पूछताछ में आरोपी कई तरह की बातों का जिक्र कर रहे हैं, जिनका काफी बारीकी से पुलिस के द्वारा प्रशिक्षण किया जा रहा है.

करोड़ो रूपए कमाया
दरअसल, पुनीत शाह, कौशल बोरा और सुनील मिश्रा ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचकर करोड़ों रुपए कमाए. वहीं पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने मात्र 5 दिनों में ही नकली इंजेक्शन से एक करोड़ से अधिक रुपए कमा लिए थे. कमाए गए रुपए को कौशल बोरा के घर पर रखा गया था, जिस दिन कौशल बोरा के घर इतने सारे रुपए रखे गए थे. उस दिन कौशल बोरा को रात भर नींद नहीं आई. वहीं पिछली दफा आरोपियों ने बताया था कि उन्होंने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाए थे, तो उन इंजेक्शन को भी एक दिन घर पर ही रखा था और अगले दिन उन्हें बाजार में खापाए थे. फिलहाल, पकड़े गए तीनों ही आरोपियों से पुलिस काफी बारीकी से पूछताछ करने में जुटी हुई है.
तीनो आरोपी शुरू करने वाले थे फार्मा कम्पनी

पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह तीन नकली रेमड़े सिविर इंजेक्शन बेचने के बाद खुद की एक फार्मा कंपनी खोलने की तैयारी कर रहे थे और तीनों आरोपी पुनीत शाह , कौशल बोरा और सुनील मिश्रा ने मौखिक रूप से साझेदारी भी कर ली थी और इसी क्रम में वह लगातार इंजेक्शन को बाजारों पर खपा रहे थे और यह सब गतिविधि से करोड़ों रुपए कमा कर वो खुद की एक फार्मा कंपनी खोलने की तैयारी भी कर चुके थे लेकिन उसके पहले ही पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

स्टिकर और शीशी बनाने वालों के वहां पुलिस ने दी दबिश
वहीं, पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया था कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुंबई और ठाणे में स्पीकर और सीसी विभिन्न फैक्ट्रियों में बनवाई थी. पिछले दिनों पुलिस मुख्य आरोपी पुनीत शाह और कौशल बोरा को लेकर वहां भी पहुंची थी. इस दौरान उन फैक्ट्रियों से विभिन्न तरह के साक्ष्य एकत्रित किए हैं. वहीं अब आने वाले दिनों में पुलिस इस पूरे मामले में उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी. साथ ही इस पूरे मामले में भी अन्य धाराओं में भी प्रकरण दर्ज कर सकती है.

70 से अधिक लोग पहुंचे बयान देने
पुलिस इस पूरे मामले में लगातार पकड़े गए मुख्य आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी हुई है वहीं जैसे ही नकली रेमड़े सिविर इंजेक्शन के मामले में मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ में आए तो इन आरोपियों से जिन लोगों ने नकली रेमड़े सिविर इंजेक्शन खरीदे थे वह भी पुलिस के पास बयान देने पहुंचे इस दौरान 70 लोगों ने इन आरोपियों के खिलाफ बयान दिए हैं जिनमें से 10 लोगों की इंजेक्शन लगने के बाद मौत भी हो चुकी है अतः उनके परिजनों ने भी इनके खिलाफ बयान दिए हैं और उन बयानों के आधार पर पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ भी विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किए हैं.


नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामला: मुख्य आरोपियों से पूछताछ में जुटी पुलिस


33 आरोपियों के खिलाफ रासुका
फिलहाल, इस पूरे मामले में पुलिस काफी बारीकी से मुख्य आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई है. वहीं, आने वाले दिनों में पूछताछ के आधार पर पुलिस कई और कार्रवाई को भी अंजाम दे सकती है. वहीं पुलिस ने अभी तक नकली और असली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में 33 आरोपियों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई को अंजाम दे चुकी है.

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