इंदौर। ईटीवी भारत लगातार जंगल कटाई को लेकर वन विभाग के आला अधिकारियों को अलर्ट करते आया है उसके बाद भी अधिकारियों ने किसी तरह की कोई सतर्कता नहीं अपनाई और एक बार फिर जंगल की कटाई के फुटेज कैमरे में कैद हो गए इसके बाद जब ईटीवी ने इस मुद्दे को लेकर वन विभाग के अधिकारियों से बात की तो कोई भी अधिकारी इस मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं हुआ.लेकिन जब पूरे मामले को लेकर से खबर उठाई गई तो वन विभाग के आला अधिकारी सक्रिय हो गए और एक जांच दल गठित कर जंगलों में जांच के लिए भेज दिया.
ईटीवी भारत की खबर का असर,वन विभाग ने जंगल की कटाई रोकने के लिए बनाया जांच दल
ईटीवी भारत ने जंगल कटाई के मुद्दे को लेकर शनिवार को चोरल के जंगलों में हो रहे सागौन के पेड़ों की कटाई के बारे में खबर उठाई थी. जिसके बाद से ही वन विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गए. उन्होंने जांच दल तो बना दिए. लेकिन जांच दल के अधिकारियों पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि जिन जगहों पर ईटीवी भारत की टीम पहुंची थी वहां पर जांच दल अभी तक नहीं पहुंच पाया है जिसके बाद अब प्रश्न निश्चित तौर पर खड़े हो रहे हैं कि वन विभाग के अधिकारी ही दोषी अधिकारियों को बचाने में जुटे हुए हैं.
तकरीबन 15 सदस्यों के दल ने चोरल के जंगलों के नयापुरा , उमठ, राजपुरा के कक्ष 118 और 119 में दौरा किया. जांच दल को वन विभाग के अधिकारियों ने 2 दिन में रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए हैं. लेकिन जब वहां जांच दल पहुंचा तो जंगल की कटाई के सबूत ढूंढता रहा लेकिन वहां पर कुछ भी नहीं मिला.
अधिकारी जिस तरह से इस पूरे मामले पर काम कर रही हैं. उससे कहीं ना कहीं लग रहा कि पूरे मामले को लेकर वन विभाग के अधिकारी ही दोषी अधिकारियों को बचाने में जुटे हुए हैं. फिलहाल अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में जांच दल किस तरह की जांच रिपोर्ट बनाकर आला अधिकारियों को देता है.जीपीआरएस तकनीक के तहत जिन जंगलों में पेड़ों की कटाई हुई थी वहां का मुआयना किया जा रहा है और उसी के आधार पर जांच रिपोर्ट भी बनाई जाएगी.