मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

ETV भारत की खबर का असर, जल्द दूर होंगी दूरियां...

लॉकडाउन के चलते एक मजदूर की तीन बेटियां गुजरात में फंसी हुई हैं. जिसे वापस लाने के लिए वह सरकार से गुहार लगा रहा था. बेटे का इलाज कराने मजदूर अपनी पत्नी के साथ इंदौर लेकिन लॉकडाउन के चलते वापस नहीं जा पाया. इस मामले को ETV भारत ने प्रमुखता के साथ पेश किया था, जिसका असर ये हुआ कि अब जल्द ही अंबाराम अपनी बेटियों को लेने के लिए गुजरात पहुंचने वाले हैं.

etv bharat impact story
जल्द दूर होंगी दूरियां

By

Published : May 8, 2020, 9:08 PM IST

इंदौर/गुजरात। कोरोना महामारी से बचाव के लिए देश भर में लॉकडाउन किया गया है. इस लॉकडाउन के कारण जो लोग एक राज्य से दूसरे राज्य पलायन कर गए थे, वहीं फंस गए हैं. इसी कड़ी में इंदौर से एक मामला सामने आया था, जिसमें इंदौर के परिवार की तीन बेटियां और एक बेटा गुजरात में फंस गए हैं. इस मामले को ETV भारत ने प्रमुखता से उठाया था, जिसका असर भी हुआ है. पढ़ें ETV भारत की इंपेक्ट स्टोरी.

जल्द दूर होंगी दूरियां

मामला है गौतमपुरा के पास रलायता गांव का. जहां की रहने वाले अंबाराम अपने परिवार के साथ मजदूरी करने गुजरात के अमरेली जिला के पास साजियावदर गांव गया था. अचानक उनके छोटे बेटे की तबियत खराब होने के कारण वो अपनी तीनों बेटियों को छोड़कर इंदौर वापस आ गए थे. लेकिन बीच में ही लॉकडाउन हो गया और बेटियां वहीं गुजरात में फंसी रह गईं. इस मामले को ETV भारत ने प्रमुखता के साथ पेश किया था, जिसका असर ये हुआ कि अब जल्द ही अंबाराम अपनी बेटियों को लेने के लिए गुजरात पहुंचने वाले हैं.

जानें पूरा मामला-लॉकडाउन में बिछड़ा मजदूर का परिवार, मां-बाप गांव में, बेटियां गुजरात में फंसी

आने वालें हैं पापा

अपने परिवार से अलग हुई दुर्गाबेन मालवी ने बताया कि वो अपने परिवार से लॉकडाउन के कारण अलग हो गई है, लेकिन अब उसके पापा आ रहे हैं. इस बात के लिए ETV भारत का बहुत आभार हैं.

अपनी बेटी की तरह रह रही हैं तीनों बेटियां

बता दें, अंबाराम का परिवार हसमुंखभाई के खेतों पर मजदूरी करता था. अंबाराम के जाने के बाद हंसमुख भाई तीनों बेटियों और बेटे को अपने घर ले आए और अपनी बेटियों की तरह रख रहे हैं. हंसमुखभाई ने बताया कि वे सभी मध्य प्रदेश से आए थे, लेकिन अचानक बेटे की तबियत खराब होने की वजह से चले गए और उनकी बेटियां यहीं रह गई.

हंसमुख भाई ने बताया कि तीनों बेटियां अपने परिवार को बहुत याद करती हैं, याद कर के रोती भी हैं. इन्हें जल्द से जल्द इनके परिवार वालों से मिलाया जाए.

भरण-पोषण कर रहे हैं हंसमुख भाई

साजियावदर सरपंच प्रफुल्लभाई वागडिया ने बताया कि अंबाराम के जाने के बाद उनकी तीनों बेटियों और बेटे का ख्याल हंसमुखभाई बहुत अच्छे से रखते हैं. इन चारों का भरण-पोषण वे ही कर रहे हैं. वहीं, उन्होनें कहा कि शासन-प्रशासन जल्द ही उन बच्चों को उनके परिवार से मिलाए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details