इंदौर। कोरोना संकट के दौरान पुलिस कर्मी और स्वास्थ्य कर्मी दिन-रात ड्यूटी पर तैनात होकर पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे हैं. जहां दोनों विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को कोरोना योद्धा के रूप में पेश किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर बिजली कर्मचारी भी कोरोना काल में दिन-रात सेवा में जुटे हुए हैं, लेकिन उन्हें कोरोना वॉरियर्स के रूप में नहीं माना गया है. इसको लेकर बिजली कर्मचारी संघ ने मांग की है कि वह भी दिन-रात जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं. उन्हें भी 'कोरोना योद्धा' माना जाए और 50 लाख के बीमा में शामिल किया जाए.
पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी के साथ-साथ कई बिजली कर्मचारी दिन-रात कोरोना संकट के दौरान ड्यूटी पर तैनात हैं. केंद्र और राज्य सरकार ने कोरोना योद्धाओं के लिए कई तरह के सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाए हैं. वहीं उनके स्वास्थ्य का भी विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है. जहां अलग-अलग जिलों के कलेक्टर ने बिजली कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए आदेश जारी किए हैं, तो वहीं इंदौर में कलेक्टर मनीष सिंह ने बिजली कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए किसी तरह के कोई आदेश नहीं जारी किए है. इस दौरान कई कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान मौत भी हो चुकी है, जिन्हें अभी तक किसी तरह की कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है.