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शहर के रैन बसेरे से लापता बुजुर्ग, तलाश में जुटी प्रशासन की टीम

इंदौर शहर में एक बुजुर्ग रैन बसेरे से लापता हो गया, जिसकी जानकारी मिलते ही कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने प्रशासन को चेतावनी दी है. कि अगर जल्द से जल्द बुजुर्ग नहीं मिला, तो वो आंदोलन करेंगे.

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शहर के रैन बसेरे से लापता बुजुर्ग

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Published : Jan 31, 2021, 9:07 AM IST

इंदौर। बुजुर्गों को शहर से बाहर होने का मामला ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है अभी तक नगर निगम के द्वारा दावा किया जा रहा था कि सभी बुजुर्गों को रैन बसेरे में पहुंचा दिया गया है लेकिन शाम होते-होते 1 विकलांग बुजुर्ग के गायब होने की बात सामने आई है कांग्रेस विधायक ने इस विकलांग बुजुर्ग को 24 घंटे में ढूंढने की चेतावनी नगर निगम को दे डाली है अब नगर निगम के अधिकारी बुजुर्ग को खोजने में लगे है

  • रैन बसेरे से लापता बुजुर्ग

नगर निगम के द्वारा बेसहारा बुजुर्गों को शिप्रा में छोड़ने का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि इंदौर के ब्रह्मा बाग की एक महिला ने नगर निगम पर आरोप लगाया है कि उसका भाई लापता हो गया है यह मामला सामने आने के बाद एक बार फिर नगर निगम अधिकारियों में हड़कंप मचा गया है.

  • बुजुर्ग की तलाश में जुटी प्रशासन की टीम

ब्रह्मा बाग की एक महिला कुसुम पवार ने आरोप लगाया कि वीडियो और न्यूज़पेपर में उनका भाई प्रदीप पवार भी दिख रहा है, जिसे नगर निगम ने रैन बसेरे में छोड़ने की बात कही थी, लेकिन नगर निगम अधिकारियों ने उसे पता नहीं कहां छोड़ दिया है, प्रदीप की बहन कुसुम ने यह भी बताया कि उसके द्वारा निगम के सारे रैन बसेरों में घूम कर उसके भाई की खोजबीन की गई, लेकिन वह कहीं नहीं मिले.

  • कांग्रेस विधायक ने दी निगम को चेतावनी

मामले की जानकारी जब कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला को लगी तो वो बुजुर्गों के घर पहुंचे, कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने नगर निगम को चेतावनी दी है कि 24 घंटे में यदि बुजुर्गों को ढूंढ कर नहीं लाया गया, तो वह शहर में उग्र आंदोलन करेंगे, नगर निगम के अधिकारी घटना सामने आने के बाद से लगातार कह रहे थे कि बुजुर्गों को रैन बसेरा में सुरक्षित पहुंचाया गया है और वहां उनकी देखभाल की जा रही है.

  • प्रशासन दे रहा गोलमोल जवाब

फिलहाल नगर निगम के पास कुल 4 बुजुर्गों ही मौजूद थे, जो कि रैन बसेरों में पूरे दिन अधिकारियों के साथ थे, बाकी बुजुर्गों को लेकर अधिकारियों का यह कहना था कि वह दिन के समय ही चले जाते हैं और रात होने पर वापस रैन बसेरों में आकर रुकते हैं.

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