इंदौर। स्वच्छता को लेकर इंदौर पूरे देश में मशहूर है, जिसने देश में चार बार स्वच्छता में नंबर वन का खिताब जीता है. इसी कड़ी में अब इंदौर पांची बार नंबर वन आने के लिए जुट गया है, जिसमें अब जिलेवासियों ने भी कवायद शुरू कर दी है. इंदौर में एक बुजुर्ग दंपत्ति स्वच्छता को लेकर पूरे शहर के लिए प्रेरणा बन चुके हैं. इन दंपत्तियों के द्वारा जीरोवेस्ट पर किए गए काम को देखते हुए शहर में लोगों को घर में ही होम कंपोस्टिंग अपनाने की बात कही जा रही है.
इंदौर शहर के रहने वाले शर्मा दंपत्ति के द्वारा किए गए कामों को अब नगर निगम भी लोगों के बीच में प्रचार प्रसार करवा रहा है, जिससे लोग इन बुजुर्गों से प्रेरणा लेकर अपने घर में भी होम कम्पोस्टिंग अपनाएं और स्वच्छता में पांचवीं बार शहर को नंबर वन बनाएं की सलाह दे रहे हैं.
गीले कचरे से खाद तैयार करना
इंदौर शहर के विजय नगर इलाके में रहने वाले डॉक्टर राजेंद्र शर्मा और उनकी पत्नी डॉक्टर करुणा शर्मा रिटायर्ड प्रोफेसर हैं, लेकिन शर्मा दंपत्ति के कार्यों की तारीफ पूरे शहर में की जा रही है. दरअसल डॉक्टर करुणा शर्मा ने अपने पूरे घर को होम कंपोस्टिंग के लिए तैयार किया है. डॉक्टर करुणा शर्मा के घर से निकलने वाले हर कचरे का किसी न किसी रूप में उपयोग हो रहा है. गीले कचरे से खाद बनाई जा रही है, तो वहीं सूखे कचरे को रीयूज करने का तरीका अपनाया है. अब शर्मा दंपत्ति को नगर निगम के एनजीओ लोगों के बीच में स्वच्छता प्रहरी के रूप में बता रहे हैं, ताकि इन से प्रेरणा लेकर अन्य लोग भी अपने घर में होम कंपोस्टिंग को बढ़ावा दें.
जीरोवेस्ट बनाने का लक्ष्य
शर्मा दंपत्ति के घर से हुई शुरुआत को पहले मोहल्ले और अब पूरे वार्ड ने अपना लिया है. अब इंदौर शहर के इस वार्ड ने जीरोवेस्ट बनने की चुनौती को अपनाया है. 14 नवंबर का लक्ष्य तय कर इस वार्ड के लोगों ने तय किया है कि पूरे वार्ड को जीरोवेस्ट बनाया जाएगा. इसके लिए हर घर को डॉक्टर करुणा शर्मा का उदाहरण भी दिया जा रहा है, जो अपने घर से निकलने वाले गीले कचरे को खाद में परिवर्तित कर रही हैं.
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