इंदौर। साफ-सफाई को लेकर जिस शहर का पूरे देश में नाम है, दुनिया के कई देश स्वच्छता की उसकी रणनीति-तकनीक को समझने के लिए अपनी टीमें भेज चुकी हैं, वही शहर बारिश से निपटने के लिए कितना तैयार है. इंदौर शहर के नालों में गाद भरी है, जिसके चलते हल्की बारिश में भी सड़कें पानी-पानी हो जाती हैं. भले ही नगर निगम दावे पर दावे किये जा रहा है कि बारिश से निपटने के लिए निगम पूरी तरह से तैयार है. पर ये वास्तविकता से परे है.
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कुछ दिनों पूर्व हुई बारिश के चलते बीआरटीएस सहित कुछ क्षेत्रों में जल जमाव हो गया था, जिस पर अपर आयुक्त संदीप सोनी ने बताया कि निगम में बरसात निराकरण के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसकी समीक्षा निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने तीन दिन पहले ही किया था, लगातार कंट्रोल रूम का फॉलोअप रिव्यू भी निगम द्वारा किया जा रहा है.
चूंकि, इंदौर शहर के अधिकांश नालों को ऊपर से ढका गया है, जिनमें से ज्यादातर नाले सूखे हैं. अपर आयुक्त ने बताया कि निगम जलजमाव वाले क्षेत्रों को चिह्नित किया है, इस दौरान शिफ्टिंग और पानी निकासी के पर्याप्त इंतजाम किये गये हैं. पानी की निकासी के लिए नगर निगम नदियों में रुकी गाद भी निकलवा रहा है, इसके लिए करीब 30 मशीनें लगाई गई हैं, जोकि अंतिम चरण में है.
बारिश से पानी-पानी सड़कें वही स्टॉर्म वाटर चेंबर की बात करें तो शहर के स्वच्छता अभियान के तहत ही इन्हें साफ किए गए थे, बरसात पूर्व भी एक बार फिर इस चैंबर्स की क्लीनिंग की जा चुकी है, बहुत ज्यादा बारिश को देखते हुए नगर निगम ने पूरी प्लानिंग की है, साथ ही ऐसे क्षेत्रों को मार्क भी किया है, जहां पानी से हालात खराब होते हैं, अपर आयुक्त संदीप सोनी ने बारिश से निजात की बात तो कही है, पर दो दिन पहले हुई तेज बारिश के चलते शहर के कई क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति बन गई थी, जिससे निगम के दावों की पोल खुल गई है.