इंदौर। मध्यप्रदेश की पुलिस की कार्यप्रणाली पर हमेशा सवाल खड़े होते रहते हैं, उज्जैन में रहने वाली 15 साल की लड़की बस में बैठकर इंदौर पहुंच गई, बाणगंगा थाना क्षेत्र स्थित उसको कुछ लोगों ने बंधक बनाकर रख लिया. जिस थाना क्षेत्र में उसे बंधक बनाकर रखा. थाना क्षेत्र के जिस इलाके में लड़की के परिजन पहुंचे. वहां पर दोनों पक्षों में विवाद हुआ. विवाद के बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष की गाड़ी जला दी. इसकी शिकायत लेकर जब दूसरा पक्ष बाणगंगा थाने पर पहुंचा तो इस मामले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की. जब मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा तो बाणगंगा पुलिस ने गाड़ी जलाने के मामले में मामला दर्ज किया.
उज्जैन में रहने वाली 15 साल की नाबालिक बस में बैठकर इंदौर आई थी. यहां पर उसे शुक्ला के बाड़े में बंधक बनाकर रख लिया गया. वहीं इस पूरे मामले में फरियादी ने सबसे पहले उज्जैन पुलिस को शिकायत की, लेकिन उज्जैन पुलिस ने किसी तरह की कोई शिकायत का निराकरण नहीं किया. इसके बाद नाबालिग को ढूंढते हुए परिजन इंदौर पहुंचे और इंदौर में जैसे ही उन्हें बाणगंगा क्षेत्र के शुक्ला के बाड़े में लड़की के होने की सूचना मिली तो परिजन वहां पर पहुंचे. लेकिन जैसे ही लड़की के परिजनों ने शुक्ला के बाड़े में रहने वाले युवक के घर का दरवाजा खटखटाया तो उसने लड़की के परिजनों पर हमला कर दिया. जिस कार से परिजन उज्जैन से इंदौर पहुंचे थे, उस गाड़ी में आग लगा दी.