इंदौर। भारत में धर्म और संस्कृति के नाम पर कई धार्मिक आयोजन किए जाते हैं. लोग अपने परिवार की सुख शांति के साथ माता के प्रकोप से बचने के लिए 12 साल में एक बार शीतला माता की पूजन का भव्य आयोजन करते हैं.
12 साल में यहां एक बार की जाती है मां शीतला की पूजा, हजारों की संख्या में श्रद्धाओं की लगती है भीड़
अपने परिवार की सुख शांति के साथ माता के प्रकोप से बचने के लिए 12 साल में एक बार शीतला माता की पूजन का भव्य आयोजन किया जाता है.
इंदौर से करीब 30 किलोमीटर दूर मालवा के महू क्षेत्र अंतर्गत सिमरोल गांव में 12 साल में एक बार ये अनूठा आयोजन किया जाता है. सभी धर्म व जाति के लोग इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं. यहां महिलाएं अपने सर पर मिट्टी से बनी सिगड़ी को रखकर गांव से करीब 6 किलोमीटर दूर मां शीतला माता मंदिर में कड़ी धूप में नंगे पैर चल कर जाती है. यहां वे सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना करती है. फिर भाई अपनी बहनों के सिर से सिगड़ी उतारकर शीतला माता को चढ़ाते हैं.
बड़े-बुजुर्ग मिलकर इस आयोजन की तारीख तय करते हैं. वहीं प्रशासन भी अहम भूमिका निभाते हुए भक्तों की सुरक्षा के लिए जरूरी इंतजाम करता है. इस कार्यक्रम के कुछ दिन पहले से ही लोग तैयारियों में जुट जाते हैं. विशेष प्रकार की मिट्टी की सिगड़ी बनवाई जाती है. हजारों लोग माता के दर्शन कर पुण्य कमाते हैं. इस बार लगभग 40 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. सिमरोल गांव के लोग जुलूस के रूप में निकले, भक्त बैंड-बाजों और भजनों की धुन पर नाचते-गाते माता के मंदिर पर पहुंचे.