इंदौर।अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम के आयोजन में यूजीसी के चेयरमैन एम.जगदीश कुमार शामिल हुए. इनके मुताबिक 2023 में देश की नई शिक्षा नीति में 3 बड़े फैसले लिए जा रहे हैं. जिसमें नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क प्रक्रिया के तहत देश के सभी विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक स्तर पर एकरूपता देने की तैयारी है. उन्होंने बताया कि, स्कूल एजुकेशन से लेकर उच्च शिक्षा और स्किल एजुकेशन को एक साथ मिलाया जा रहा है. जिससे कोई भी विद्यार्थी हायर एजुकेशन के साथ-साथ स्किल एजुकेशन का कोर्स भी कर सकेगा.
सत्र में कोर्स को बदलने की सुविधा:समय एवं आवश्यकता के अनुसार एक ही शिक्षा सत्र में कोर्स को बदले जाने की सुविधा भी विद्यार्थियों को मिलेगी. इसके अलावा जुलाई से देश में नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी की शुरुआत होने जा रही है. डिजिटल यूनिवर्सिटी के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों को हायर क्वालिटी एजुकेशन घर में ही उपलब्ध होगा. वह भी डिजिटल माध्यम से उच्च शिक्षा ले सकेंगे. यह ग्रामीण क्षेत्र में उच्च शिक्षा का लाभ पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा फैसला है. इसके अलावा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने बताया नए साल में भारत सरकार के साथ मिलकर उच्च शिक्षा आयोग का गठन भी किया जा रहा है. इसके लिए ड्राफ्ट और एक्ट का निर्धारण किया जा रहा है.
नई शिक्षा नीति में सुधार:उन्होंने बताया 2035 तक सभी यूनिवर्सिटी में नई शिक्षा नीति के तहत बदलाव लागू किया जा सके इसको लेकर उच्च शिक्षा के स्तर पर तमाम प्रयास हो रहे हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की कोशिश है कि देश की नई शिक्षा नीति के सुधार जल्द से जल्द देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शीघ्रता से लागू किए जा सकें. आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में ग्रुप तैयार किए जा रहे हैं.