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हैदराबाद की तर्ज पर मिनी मुंबई में तीसरी आंख से नजर

मध्यप्रदेश का मिनी मुंबई कहे जाने वाला इंदौर शहर स्वच्छता के बाद अब सुरक्षा में नंबर 1 वन बनने की कवायद में जुट गया है. शहर के हर क्षेत्र को सीसीटीवी से जोड़कर एक ऐप के माध्यम से हर गतिविधि पर नजर रखे जाने की कार्य योजना पर काम हो रहा है.

Crime watch: third eye protection in Mini Mumbai on the lines of Hyderabad
अपराध पर नजर

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Published : Apr 7, 2021, 8:20 AM IST

इंदौर।स्वच्छता में पंच लगा चुका इंदौर शहर अब सुरक्षा में भी बेहतर करने की ओर आगे बढ़ रहा है. यहां लगातार अपराधिक घटनाएं घटित हो रही है. इसको देखते हुए इंदौर पुलिस एक नई योजना पर काम कर रही है. इसके तहत अब इंदौर शहर को सुरक्षा में भी नंबर वन बनाने के लिए 'एक कैमरा मेरे शहर के नाम' से योजना की शुरुआत की गई है. इसके तहत शहर के जितने भी सीसीटीवी कैमरे आम आदमी और विभिन्न फर्मों ने लगवाए हैं. उन्हें एक एप्लीकेशन के माध्यम से सरकारी तंत्र से जोड़ा जाएगा, जिससे आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिल सकें.

  • पुलिस बल की कमी को दूर करने में मिलेगी मदद

पुलिस बल की कमी को तीसरी आंख से दूर करने के लिए पुलिस और जनता के सहयोग से पूरे शहर में कैमरों का जाल बिछाना चाहती है. इसके लिए एक कैमरा मेरे शहर के नाम योजना शुरू की है. इसके लिए कैंप कॉप एप बनाया गया है. इससे लोगों के घर पर लगे कैमरों को पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा. पुलिस का प्रयास रहेगी कि कोई भी व्यक्ति कैमरे की नजर से बच न सके.

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  • लोगों के सहयोग से शुरुआत

फिलहाल पुलिस अधिकारी हैदराबाद शहर की तरह इंदौर में भी सीसीटीवी का जाल बिछाने की तैयारी कर रहे हैं. ताकि अपराधों पर नियंत्रण किया जा सकें. पुलिस ने एक योजना 'एक कैमरा मेरे शहर की सुरक्षा के नाम' से शुरूआत की है. एडिशनल एसपी प्रशांत चौबे ने बताया कि इसके लिए एक ऐप कैंप कॉप बनाया गया है. लोगों के घर दुकान और संस्था पर लगे कैमरे को उनकी अनुमति के बाद एक फोन के माध्यम से पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़ेंगे. जिसके लिए डाटाबेस तैयार किया जाएगा, दूसरे चरण में रिंग रोड कॉलोनी की रोड का प्लान बनाएंगे, ताकि वहां से गुजर रहा हर व्यक्ति कैमरे की कैद हो सके. अपराध होने पर पुलिस फुटेज के आधार पर आरोपी तक पहुंच सके. प्रयोग यह है कि शहर का कोई भी क्षेत्र बिना कैमरा के नहीं हो, ताकि शहर को सफाई के बाद सुरक्षा में भी नंबर वन बनाया जा सके. हालांकि अब देखना होगा कि इंदौर पुलिस ने जिस तरह से पूरे शहर को सीसीटीवी में समेटने की कोशिश की है. वह कितनी सार्थक होती है.

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