इंदौर। अब तक प्लेन उड़ाने की तकनीक को लेकर यूरोपीय देशों के भरोसे रहने वाली एयरलाइन कंपनियां और फ्लाइंग क्लब अब स्वदेशी सिम्युलेटर से पायलटों को फ्लाइंग की ट्रेनिंग देकर ट्रेंड कर सकेंगे. दरअसल कई सालों की अथक मेहनत के बाद मध्य प्रदेश के फ्लाइंग एक्सपर्ट कैप्टन अजय सिंह और दीपक कुमार ने हवाई जहाज उड़ाने के लिए सबसे जरूरी ट्रेनिंग सेटअप माने जाने वाले फ्लाइंग सिम्युलेटर को मध्यप्रदेश में ही तैयार कर दिया है. यह पहला मौका है जब भारत में एयरोनॉटिकल इंजीनियरों ने विदेशी टूल्स और टेक्निक की मदद के बिना फ्लाइट सिम्युलेटर को स्वदेशी तकनीक के आधार पर विकसित किया हो. दरअसल भोपाल में ड्रोनोबोटिक्स नामक फ्लाइंग कंपनी संचालित करने वाले कैप्टन अजय और दीपक कुमार अगले महीने इस सिम्युलेटर की लॉन्चिंग करने जा रहे हैं जो देश के विमानन क्षेत्र में किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है.
पायलटों को दी जाती है ट्रेनिंग:प्लेन के कॉकपिट में बैठकर उसे रनवे पर दौड़ाने से लेकर आसमान में अलग-अलग ऊंचाई और मूवमेंट को हुबहू ऑपरेट करने और महसूस करने के साथ लाइन की गलतियों को प्रत्यक्ष तौर पर दर्शाने वाले सिम्युलेटर को अब तक नीदरलैंड समेत यूरोपीय देशों से इंपोर्ट किया जाता रहा है. देश के विमानन इतिहास में अब तक इंपोर्ट किए गए सिम्युलेटर से ही पायलटों को ट्रेनिंग दी जाती है हालांकि बेंगलुरु में कुछ कंपनियां सिम्युलेटर बनाने की तकनीक और टूल को इंपोर्ट करके सिम्युलेटर बनाती हैं जो विभिन्न विमानन क्लब और कंपनियों में उपयोग के लिए दिया जाता है. हाल ही में मध्य प्रदेश के एयरोनॉटिकल इंजीनियर कैप्टन अजय सिंह और दीपक कुमार ने पहली बार देसी टूल और टेक्निक से कई सालों की मेहनत के बाद स्वदेशी सिम्युलेटर तैयार करने में सफलता प्राप्त की है. अपनी तरह के इस पहले सिम्युलेटर में कमर्शियल पायलट के अलावा बोइंग विमान समेत एअरबस के कमर्शियल पायलटों को ट्रेनिंग दी जा सकेगी.