इंदौर। जिले में कोरोना महामारी की बड़ी वजह बन रही सोशल डिस्टेंस ना होने की समस्या के अलावा अब मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बाधक बन रहे हैं. ऐसा ही मामला सोमवार को सामने आया जब एक नर्सिंग होम के 2 डॉक्टर खुद कोरोना पॉजिटिव रहते हुए नर्सिंग होम में आने वाले मरीजों का इलाज कर रहे थे.
सामान्य मरीजों का इलाज कर रहे थे कोरोना पॉजिटिव डॉक्टर दंपत्ति मामला उजागर होते ही जिला प्रशासन ने तत्काल नर्सिंग होम को सील करते हुए दोनों डॉक्टरों को इलाज के लिए क्वॉरेंटाइन किया है, जबकि नर्सिंग होम में भर्ती मरीजों को भी क्वॉरेंटाइन होम में शिफ्ट करना पड़ा है.
इंदौर के राजबाड़ा के ईमली बाजार स्थित अर्पण नर्सिंग होम के डॉ. अशोक जैन और कोमल जैन कई दिनों से खुद संक्रमित होने के बावजूद यहां भर्ती मरीजों का एवं ओपीडी में आने वाले मरीजों का सतत उपचार कर रहे थे. हाल ही में दोनों की तबीयत बिगड़ी तो जांच के बाद इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इसके बाद अस्पताल के साथ स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया.
दरअसल इस अस्पताल को ग्रीन कैटेगरी मानकर उपचार की अनुमति भी दी गई थी, बताया जाता है कि अस्पताल की संचालिका सुनंदा जैन को भी कोरोना संक्रमण हुआ था. हालांकि इस बात की पुष्टि जिला प्रशासन द्वारा नहीं की गई. अब दोनों डॉक्टरों के पॉजिटिव पाए जाने के बाद दोनों को इलाज के लिए क्वॉरेंटाइन किया गया है. वहीं विभाग अब यह जानने की कोशिश में जुटा है कि अस्पताल में आने वाले कितने मरीजों का इलाज यहां के डॉक्टरों ने किया है अथवा उनकी कांटेक्ट हिस्ट्री क्या रही है.
इधर मामला सामने आने के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने तत्काल नर्सिंग होम को सील करने के आदेश दे दिए हैं. लिहाजा अब अस्पताल में भर्ती रहे मरीजों और उनके परिजनों और स्टाफ की जांच की जा रही है.