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सहकारिता विभाग का अधिकारी 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

इंदौर में लोकायुक्त की टीम ने सहकारिता विभाग में पदस्थ एक वरिष्ठ सहकारिता निरीक्षक को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है. अधिकारी ने फर्जी शिकायत के मामले में लेनदेन कर निपटाने की बात कह कर बुलाया गया था.

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Published : Jul 26, 2021, 11:05 PM IST

इंदौर। लोकायुक्त की टीम ने सहकारिता विभाग में पदस्थ एक वरिष्ठ सहकारिता निरीक्षक को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है. पूरे मामले में अधिकारी के द्वारा एक फर्जी शिकायत के मामले में लेनदेन कर निपटाने की बात कह कर बुलाया गया था. उसमें 15000 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही थी. इस पूरे मामले में फरियादी ने लोकायुक्त को सूचना दी थी.

लोकायुक्त विभाग ने सहकारिता विभाग में पदस्थ वरिष्ठ सहायक निरीक्षक प्रमोद तोमर को पंद्रह हजार की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया है. फरियादी दिलीप बोरासी जो कि तिलक नगर सहकारी संस्था के अध्यक्ष है उन्होंने लोकायुक्त को शिकायत की थी कि अधिकारी के द्वारा एक फर्जी शिकायत के मामले में रिश्वत की मांग की जा रही है. वहीं प्रमाण के तौर पर फोन रिकॉर्डिंग भी लोकायुक्त पुलिस को सौंपी थी.

तिलक नगर सहकारी संस्था के अध्यक्ष दिलीप बोरासी ने बताया कि पूर्व अध्यक्ष के द्वारा ही अलग-अलग लोगों से लगातार सरकारी विभाग में शिकायतें करवाई जाती है जो कि पूरी तरीके से फर्जी रहती है. पूर्व में भी ऐसी कई शिकायतें पूर्व अध्यक्ष ने सहकारिता विभाग में करवाई थी. इस पूरे मामले में पूर्व अध्यक्ष के साथ सहकारिता विभाग के वरिष्ठ निरीक्षक प्रमोद तोमर भी मिले हुए थे. जब भी कोई शिकायत की जाती थी तो उसके जांच की कमान प्रमोद तोमर के द्वारा ही ली जाती थी.

पूर्व अध्यक्ष ने अन्य सदस्यों के माध्यम से सहकारिता विभाग को शिकायत कार्रवाई की अध्यक्ष संस्था के सदस्यों को समय पर लोन नही दे रहे है, और लगातार संस्था में गड़बड़ी की जा रही है अतः लगातार पूर्व अध्यक्ष के द्वारा सहकारिता विभाग में शिकायत की जाती और जब भी शिकायत की जाती उसकी जांच का जिम्मा प्रमोद तोमर को मिलता था.

एक, दो शिकायत होने के बाद जब संस्था के अध्यक्ष दिलीप बोरासी को शक हुआ कि इस पूरे मामले में पूर्व अध्यक्ष और सहकारिता विभाग के निरीक्षक प्रमोद तोमर मिले हुए हैं तो उन्होंने प्रमोद तोमर की रिश्वत की डिमांड की रिकॉर्डिंग की और उसके बाद लोकायुक्त को शिकायत कर दी और उसी के बाद लोकायुक्त ने अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया.

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