इंदौर। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा MPPEB के जरिए पुलिस कांस्टेबल की 4 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया के लिए परीक्षा व्यवस्था की है. उम्मीदवार इसके लिए 24 दिसंबर से 7 जनवरी तक आवेदन कर सकेंगे. यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन भर्ती प्रक्रीया के लिए एक विज्ञापन जारी होने के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया. जिसके चलते पिछले 3 साल से परीक्षा का इंतजार करने वाले करीब तीन लाख से अधिक युवाओं को झटका लगा है.
आयु को लेकर विवाद
मध्य प्रदेश में पुलिस भर्ती को लेकर परीक्षा 3 साल बाद होने जा रही है. जिसका इंतजार प्रदेश के युवाओं की उम्र भी बढ़ गई है. लेकिन हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा जारी भर्ती विज्ञापन में आवेदक की अधिकतम उम्र सीमा 33 साल तय कर दी गई है. इस उम्र सीमा में आने के बाद प्रदेश के करीब 3 लाख से अधिक युवा इस परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे. जिस वजह से विवाद खड़ा हो गया है. 33 वर्ष से अधिक आयु वाले उम्मीदवारों ने सरकार से पुलिस भर्ती परीक्षा में उम्र सीमा बढ़ाने की मांग शुरु कर दी है.
बाहरी छात्र भी कर सकेंगे आवेदन
पुलिस आरक्षक भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार ने वादा किया था कि किसी भी नौकरी में मध्य प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. लेकिन पुलिस आरक्षक भर्ती में 4000 पदों पर निकाली गई वैकेंसी में ही ऑल इंडिया लेवल पर आवेदन बुलवाएं गए हैं. जिससे कि मध्य प्रदेश के कई युवा नौकरी पाने से वंचित रह जाएंगे. जबकि वे पिछले कई सालों से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. ये युवाओं के साथ धोखा है. युवकों की मांग है कि सरकार अपना वादा निभाए.
कांग्रेस ने साधा निशाना
पुलिस भर्ती को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सीएम शिवराज ने युवाओं के साथ धोखा किया है. परीक्षा में ऑल इंडिया से आवेदन लिए जा रहे हैं. ऐसे में मध्यप्रदेश के युवाओं का हक मारा जाएगा. उन्होंने बताया कि हमने इस संबंध में सीएम शिवराज को पत्र भी लिखा है.
आरक्षण पर भी विवाद