इंदौर।किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए उसका संविधान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है. 26 नवंबर, 1949 यानि आज के दिन ही संविधान को अपना लिया गया था. हालांकि, इसे लागू 26 जनवरी 1950 से किया गया था. संविधान के निर्माण में कई लोगों ने अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है. भारत के संविधान के निर्माण में इंदौर के एक शख्स का भी महत्वपूर्ण योगदान है.
संविधान के प्रथम पृष्ठ के निर्माता हैं दीनानाथ भार्गव
संविधान के निर्माण के दौरान संविधान के प्रथम पृष्ठ का भी निर्माण किया गया, जिसे अशोक स्तंभ का रूप दिया गया है. संविधान के प्रथम पृष्ठ पर बनाए गए अशोक स्तंभ की मुख्य चित्रकार की भूमिका इंदौर के दीनानाथ भार्गव ने निभाई थी. दीनानाथ भार्गव ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर संविधान का यह प्रथम पृष्ठ तैयार किया था. तैयार की गई इस चित्रकारी को गोल्डन स्याही से बनाया गया था. संविधान के निर्माण की जिम्मेदारी शांतिनिकेतन को दी गई थी. शांतिनिकेतन के कला गुरु नंदलाल बोस ने इसे बनाने की जिम्मेदारी दीनानाथ भार्गव को सौंपी थी.
प्रथम पृष्ठ तैयार करने से कई बार जू में जाकर देखा था शेरों को
दीनानाथ भार्गव की पत्नी का कहना है कि जब प्रथम पृष्ठ की चित्रकारी को तैयार किया जाना था, उससे पहले भार्गव ने शेर की बनावट को समझने के लिए कई बार कोलकाता जू जाकर शेर को देखा था. जिससे पेंटिंग के दौरान किसी भी तरह की कमी ना रहे. दीनानाथ भार्गव ने जब पहली पेंटिंग को तैयार किया था और उसे दिल्ली भेजा था. लेकिन मुख्य पृष्ठ की कलाकृति पर ब्रश गिर जाने के कारण उसे दोबारा बनाने के निर्देश दिए गए थे, जिसके बाद दीनानाथ भार्गव ने एक बार फिर प्रथम पृष्ठ को तैयार किया था.
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पृष्ठ की कलाकृति आज भी है परिवार के पास