इंदौर। बढ़ती महंगाई और महामारी ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है. इसकी एक अहम वजह अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल बताई जाती है तो दूसरी ओर खाद्य तेलों का उत्पादन घटने से भी फर्क पड़ा है. वहीं देश में महंगाई बीते 8 साल के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है. अर्थशास्त्री इसके पीछे की वजह भी बताते हैं और इससे पार पाने के तरीके भी सुझा रहें हैं. इंदौर के प्रख्यात अर्थशास्त्री जयंतीलाल भंडारी ने भी महंगाई से निपटने के तरीके सुझाए हैं. उनका मानना है कि इससे आम आदमी कि परेशानियों पर काफी हद तक ब्रेक लगेगा. भंडारी ने तेल उत्पादों को जीएसटी (GST) के दायरे में लाने की केंद्र सरकार से अपील की हैं.
एक देश एक कर, पेट्रोल-डीजल पर भी हो लागू
जयंतीलाल भंडारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक कर नीति को लागू कराने की बात कहते हैं. ने जो सुझाव दिए हैं उनके मुताबिक महंगाई पर नियंत्रण के लिए सर्वाधिक प्रभावी उपाय पेट्रोल-डीजल को जीएसटी (GST) के दायरे में लाना ही होगा. उन्होंने कहा मोदी सरकार ने देश में 'एक देश एक कर' की नीति की घोषणा की है, लेकिन पेट्रोल-डीजल को अब तक जीएसटी (GST) के दायरे में नहीं लाया गया है. ऐसी स्थिति में अलग-अलग राज्य पेट्रोल-डीजल पर मनमाने टैक्स वसूल रहे हैं. दरअसल इसकी वजह पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्र और राज्य सरकार को होने वाली सबसे बड़ी आय हैं. इसलिए केंद्र और राज्य सरकारें उपभोक्ता हितों पर ध्यान देने की बजाए अपने खर्चों के लिहाज से पेट्रोल डीजल में आय को प्राथमिकता देती रही हैं जिसका खामियाजा महंगे पेट्रोल और डीजल के रूप में आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.
अब तक 27 बार बढ़े Petrol-Diesel के दाम
गौरतलब है कि, बीते साल से ही कोरोना की मार झेल रहे देशभर के लोगों पर अब महंगाई की दोहरी मार पड़ रही है. महंगाई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी से लेकर 20 जून तक देश में पेट्रोल डीजल की कीमतें 27 बार बढ़ी हैं. वहीं केंद्र सरकार के महंगाई के आंकलन करने वाले आंकड़ों पर नजर डाली जाए, तो बीते 8 सालों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) के हिसाब से 6.3% हो चुकी है. जो पिछले 8 साल के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. इधर महंगाई का सबसे व्यापक प्रभाव हर घर की रसोई पर पड़ रहा है,घर का बजट दम तोड़ रहा है. इधर भारत में दलहन और तिलहन फसलों की पैदावार कम होने के कारण भी बड़ी मात्रा में खाद्य तेल अन्य देशों से आयात करना पड़ रहा है जिसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ रहा है.