इंदौर। प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के पहले भोपाल को दो हिस्सों में बांटे जाने की अधिसूचना जारी होने के बाद अब इंदौर को भी वार्डों की संख्या के आधार पर दो हिस्सों में बांटने की मांग उठ रही है. जहां एक तरफ कांग्रेस भोपाल की तर्ज पर इंदौर में भी दो नगर निगम सहित दो महापौर की मांग को लेकर सीएम कमलनाथ से मांग कर रहे हैं. वहीं नगर निगम को बांटने की मांग पर बीजेपी ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है.
इंदौर नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने के लिए कांग्रेस ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने के बाद अब इंदौर को भी वार्डों की संख्या के आधार पर दो हिस्सों में बांटने की मांग उठ रही है. जिसके लिए कांग्रेस ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा है.
भोपाल को पूर्व और पश्चिम दो हिस्सों में विभाजित किया है. जिसके चलते अब भोपाल के पूर्वी क्षेत्र में 31 तो वहीं पश्चिम क्षेत्र में 54 नगर निगम के वार्ड होंगे. वहीं इंदौर की बात करें तो 2 तिहाई से अधिक सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. इंदौर में महापौर पद पर भी बीजेपी का कब्जा लंबे समय से बना हुआ है. ऐसे में भोपाल में किए गए विभाजन के मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस के सचिव राकेश सिंह यादव ने एक पत्र लिखकर सीएम कमलनाथ से इंदौर को भी दो हिस्सों में विभाजित करने की मांग की है. ताकि लगातार बढ़ते और विकसित होते इंदौर के रहवासियों को अपनी आवश्यकताओं और कार्यों के लिए कई किलोमीटर दूर निगम मुख्यालय के चक्कर ना काटना पड़े.
कांग्रेस द्वारा इंदौर नगर निगम के सीमा क्षेत्र को दो हिस्सों में विभाजित करने की मांग को लेकर इंदौर की महापौर ने विरोध जताया है. इस विभाजन को लेकर महापौर मालिनी गौड़ का कहना है कि इंदौर की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए शहर को दो हिस्सों में बांटने की कोई आवश्यकता नहीं है और जिस तरह से इंदौर स्वच्छता में पिछले तीन बार से नंबर बनाया है. उससे इंदौर नगर निगम की प्रभावी कार्यप्रणाली और कार्यशैली नजर आती है. इसलिए फिलहाल शहर को विभाजित करने की कोई जरूरत महसूस नहीं होती है.