इंदौर।2017 में हुए एक सड़क हादसे में एक शख्स की मौत हो गई थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण के समक्ष हर्जाना राशि के लिए आवेदन दिया गया था. इस केस में लगातार सुनवाई हो रही थी. मृतक की पत्नी ने कोर्ट के सामने स्वंय बेसहारा होने का हवाला देकर प्राधिकरण से तीस लाख का हर्जाना दिलाने की मांग की थी. जिस पर कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए 15 लाख रुपए के हर्जाना देने का आदेश जारी किया है.
मृतक की पत्नी ने तर्क रखा था उसके पति की मौत के बाद उसके तीन बच्चे, मृतक के माता-पिता और वो खुद बेसहारा हो गई है. उसका कहना था कि मृतक बतौर ड्राइवर और खेती करके करीब 15,000 रुपए प्रतिमाह की आय अर्जित कर अपने परिवार का पालन पोषण करता था. लेकिन दुर्घटना में उसकी असमय मौत होने से वे अजीवन के लिए वंचित हो गए हैं. साथ ही मृतक के माता-पिता अपने बुढ़ापे के एकमात्र सहारे से जीवन के लिए वंचित हो गए हैं. उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है. इसके एवज में उसे तीस लाख का हर्जाना दिया जाए.
7 फीसदी ब्याज के साथ हर्जाना