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इंदौर इतिहास रच बना भारत का रिकॉर्ड 7वीं बार नंबर-1 क्लीनेस्ट सिटी, ये है शर्तिया अवॉर्ड विनिंग प्लान

Indore 7th time number 1 City: स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर का जलवा बरकरार है. इंदौर विगत 6 वर्षों से लगातार स्वच्छता में देश में नंबर वन है. इस बार फिर इंदौर को सातवीं बार पहला पुरस्कार मिला है. इंदौर में ऐसा क्या है खास कि हर साल पा रहा पहला अवार्ड, आइए जानते हैं...

Indore Swachha Shahar 2023
स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर का जलवा बरकरार

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 11, 2024, 9:59 AM IST

Updated : Jan 11, 2024, 12:26 PM IST

Indore Swachha Shahar 2023:स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के तहत देश के सबसे स्वच्छ शहरों को आज गुरुवार को पुरस्कारों का वितरण किया गया. सुबह 11 बजे नई दिल्ली में आयोजित स्वच्छता अवार्ड समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सभी स्वच्छ शहरों को पुरस्कृत किया गया. इंदौर को सातवीं बार पहला पुरस्कार मिला है. देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में इस कार्यक्रम को लेकर व्यापक तैयारियां की गईं. अवार्ड फंक्शन प्रोग्राम को शहर के हर इलाके में लोगों को दिखाया गया. इसके लिए इंदौर नगर निगम ने प्रमुख स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाईं.

इंदौर का अवॉर्ड विनिंग प्लान क्या है

इंदौर में पुरस्कार वितरण समारोह का एलईडी पर सीधा प्रसारण किया गया. इस समारोह में पुरस्कार के लिये इंदौर को प्रदेश सरकार के माध्यम से आमंत्रित किया गया था. इंदौर महापौर समेत 80 सदस्यों की टीम इंदौर से पुरस्कार लेने के लिए नई दिल्ली पहुंचे. महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा है कि इंदौर स्वच्छता का सातवां आसमान छुआ है. इस संकल्प के साथ कि पिछले एक साल से शहर की जनता, जनप्रतिनिधियों व निगम के सफाई मित्र व अन्य कर्मचारी अधिकारी का सहयोग से पूर्ण विश्वास है कि इंदौर आगे भी स्वच्छता में हमेशा अव्वल रहेगा.

इंदौर का अवॉर्ड विनिंग प्लान

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इंदौर ने कैसे बनाया लगातार स्वच्छता का रिकॉर्ड

  • 100 फीसदी कचरा का सेग्रिगेशन, व्यापक नागरिक भागीदारी के माध्यम से पृथक्करण ठोस अपशिष्ट प्रबंधन. सेग्रिगेशन और डोर-टू-डोर प्रोसेसिंग पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है.
  • शहर पूरी तरह से कचरापेटी मुक्त, देवगुराडिया स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड के पुराने कचरें को वैज्ञानिक पद्धति से निपटान. पूरे शहर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने का कार्य. वास्तविक समय आईसीटी आधारित निगरानी तंत्र
  • कचरा परिवहन व्यवस्था में सुधार कर नए वाहनों को लाना. कचरा पेटियों को हटाना और ऐसे स्थानों को चिह्नित कर खूबसूरती पेटिंग बनवाना. कचरा प्रबंधन व्यवस्था की सुदृढ मॉनीटरिंग के लिए चीफ सेनेट्री इंस्पेक्टर को 19 जीप. निगम मुख्यालय से हटाकर जिंसी में नई अत्याधुनिक वर्कशॉप बनाना, जिसे आईएसओ सर्टिफिकेट मिलना. जीरो वेस्ट वार्ड, वेस्ट टू वंडर पार्क, बैकलेन सौंदर्यीकरण जैसी गतिविधियां
  • पीपीपी कार्बन क्रेडिट, 100 फीसदी उपयोगकर्ता शुल्क संग्रह, विज्ञापन आदि से राजस्व सहित स्मार्ट और टिकाऊ वित्त पोषण मॉडल. सर्वेक्षण-2023 में वेस्ट-टू-आर्ट तथा वेस्ट-टु-वेल्थ पर विशेष ध्यान.
    इंदौर को इस प्लान से मिलता है अवार्ड
  • मेजर फोक्स री-यूज़ ऑफ वाटर और 7-स्टार पर. साल 2022 में एशिया का सबसे बड़ा बायो मिथेनाइजेशन प्लांट शुरू.
  • सीएनजी गैस का उपयोग 110 सिटी बसों में. प्लांट 150 करोड़ रुपए की लागत से तैयार. 100 प्रतिशत मैकेनाइज ड्राय वेस्ट एमआरएफ 450 टन के प्लांट का 5 साल से संचालन.
  • इंदौर को गार्बेज फ्री सिटी में 7-स्टार रेटिंग मिली है. 7 स्टार का ताज हासिल कर वाटर प्लस सर्टिफिकेट हासिल किया. सभी घर ड्रेनेज लाइन या सेप्टिक टैंक से कनेक्टेड.
  • रहवासियों को झोले उपलब्ध कराए गए, जिसमें सूखा कचरा इक्ट्ठा करते हैं. नदी-नालों में सीवरेज का गंदा पानी न जाए, इसके लिए आउट फॉल को चिह्नित कर पाइप लाइन में कनेक्ट किया.
  • सभी गार्डन में गार्डन वेस्ट से खाद बनाई जा रही है. स्लम ब्यूटिफिकेशन के तहत कार्य किया गया. शहर के फुटपाथ पर सौंदर्यीकरण पर काम.
  • शहर में प्रमुख चौराहों के अलावा अन्य स्थानों पर खूबसूरत स्पॉट तैयार किए. सीटी, पीटी और यूरिनल की सफाई नियमित. शहर को कचरामुक्त करने के लिए विसेष प्रयास.
  • कमर्शियल एरिये में लगे लीटर बीन दिन में दो बार या दिन में तीन बार क्लीन होते हैं. जीरो वेस्ट 6 वार्ड भी तैयार , जहां न तो गीला ओर न ही सूखा कचरा निकलता है.
  • गीला-सूखा कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड तक पहुंचाने के लिए शहर में 10 से ज्यादा अत्याधुनिक ट्रांसफर स्टेशन. 1 लाख 10 हजार से ज्यादा इमारतों व घरों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम.
  • 2017 में सबसे पहले 20 टीपीडी का चोइथराम मंडी स्थित बॉयो मीथेन गैस प्लांट स्थापित किया गया. तीन शिफ्ट में 9 हजार से ज्याद कर्मचारी 24 घंटे शहर की सड़कों को साफ करते हैं.
  • सफाई मित्र झाडू लगाकर तीन बोरों में इक्ट्ठा करते हैं कचरा. एक में गीला तो दूसरे में सूखा और तीसरे में मिट्टी. गीला-सूखा कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड तक पहुंचाने के लिए 10 से ज्यादा ट्रांसफर स्टेशन.
  • करीब 147 एकड़ फैले ट्रेंचिंग ग्राउंड में रोजाना 1100 से 1200 टन कचरा पहुंचता है. सबसे पहले ट्रेंचिंग ग्राउंड लैंडफिल साइट या डंपिंग यार्ड की आधारभूत सुविधाओं जैसे प्लांट, मशीनरी, सड़क और बिल्डिंग आदि को व्यवस्थित किया.
  • 200 टीपीडी शहर से निकलने वाले मलबे और वेस्ट मटेरियल से ईंट, पेवर ब्लॉक बनाने का प्लांट लगाया. शहर को होर्डिंग के मकड़जाल से मुक्त किया. हर तरफ जाल बिछा था, जिसे हटाना बड़ी चुनौती थी, इन्हें सख्ती से हटाया.
  • शहर को सख्ती से पशु मुक्त बनाया गया और रंगदारी दिखाने वाले पशुपालकों के अवैध साम्राज्य को तोड़ा. खजराना गणेश मंदिर से निकलने वाले फूलों से खाद बनाने का संयंत्र जनभागीदारी के आधार पर लगाया.
  • पब्लिक टॉयलेट व घरों में शौचालय बनाना. शहर में अत्याधुनिक ट्रांसफर स्टेशन तैयार
Last Updated : Jan 11, 2024, 12:26 PM IST

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