इंदौर। निजी अस्पतालों और मैटरनिटी क्लीनिक से बच्चा चोरी कर उन्हें मुंह मांगे दामों पर निसंतान दंपतियों को बेचने के गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. प्रथम दृष्टया इस मामले के तार इंदौर, देवास और ग्वालियर से जुड़ रहे हैं .इंदौर पुलिस की एसटीएफ टीम ने बच्चा चोर गिरोह में शामिल चार आरोपियों को हिरासत में लिया है, जिसमें तीन महिलाएं हैं.
बच्चा चोर गिरोह का खुलासा
मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में संचालित निजी नर्सिंग होम और मेटरनिटी क्लिनिकों से मासूम बच्चों की चोरी कर, उन्हें निसंतान दंपतियों को लाखों रुपए में बेचने का गोरखधंधा चल रहा है . मामले की शिकायत भोपाल की सामाजिक संस्था, जनसमस्या समाधान समिति ने एडीजी इंटेलिजेंस आदर्श कटियार के कार्यालय को भेजी थी. मामला एसटीएफ इंदौर की टीम को सौंपा गया है. पुलिस ने इस मामले में एक दल गठित कर आज इंदौर और देवास में संयुक्त कार्यवाही करते हुए बच्चा चोरी के गोरखधंधे में लिप्त चार लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है इनमें तीन महिलाएं हैं.
देवास में आया मामला सामने
देवास के शिरीष इंदुलकर और उसकी पत्नी सुधा चौहान ने 2012 में एक बच्चा खरीदा था. दरअसल उसकी चोरी बेबी उर्फ पुष्पा ने देवास के एक डॉक्टर दंपति के नर्सिंग होम से की थी. पुलिस को प्राप्त शिकायत के अनुसार शिरीष इंदुलकर देवास नगर निगम में तृतीय श्रेणी कर्मचारी है. इनके पास चोरी के जिस बच्चे के होने का पता चला है, वह फिलहाल देवास के सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ रहा है . बच्चे का नकली जन्म प्रमाण पत्र तैयार कराया गया है .
ग्वालियर में भी मामला आया सामने
ग्वालियर की मनीषा गाड़के का बच्चा 2013 में अगवा हुआ था .जिसकी गुमशुदगी की शिकायत ग्वालियर के माधव गंज थाने में दर्ज की गई थी. हालांकि उस दौरान संबंधित एसडीएम एवं अन्य के द्वारा उक्त प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं की गई. बताया जाता है कि फरियादी को इस मामले को दबाने के लिए मोटी रकम दी गई थी. यह बच्चा इंदौर के एक निजी बोर्डिंग स्कूल में पढ़ता है.
कई मामले हो सकते हैं उजागर
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो और स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में दर्ज आंकड़ों के अनुसार बीते 10 सालों में जितने भी बच्चे चोरी होने के मामले सामने आए हैं .इस मामले से उनमें भी खुलासे हो सकते हैं .उम्मीद की जा रही है, कि इस मामले से अन्य राज्यों के बच्चा चोरों के भी पता चलने की संभावना है .