इंदौर। दुनिया भर में इंदौर की पहचान राजवाड़ा को सोमवार को एक बार फिर जनता के लिए खोल दिया गया. लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जनप्रतिनिधि और जानी-मानी हस्तियां मौजूद रहीं. होलकरकालीन इस विरासत का नया रूप देखने के लिए जनता भी खूब उमड़ी. इसकी भव्यता को देखकर इंदौरवासी फूले नहीं समा रहे हैं.
1984 में राजवाड़ा को जला दिया गया :लोकार्पण समारोह में उमड़ी भारी भीड़ के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजवाड़ा का दर्द भी बयान किया. उन्होंने बताया कि श्यामाचरण शुक्ल के नेतृत्व में तत्कालीन कांग्रेस सरकार इस ऐतिहासिक धरोहर को बेचने को तैयार हो गई थी. चौहान ने कहा, 'इंदौर के लोगों ने कांग्रेस सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध किया. इसे बचाने के लिए आंदोलन तक चलाया गया. 1984 में राजवाड़ा को जला दिया गया. उस दौरान भी कांग्रेस सरकार थी. इसकी लकड़ियां सड़-सड़कर गिरती रहीं, लेकिन तब के मुख्यमंत्रियों ने कोई सुध नहीं ली.'
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इंदौर का मान लौटाने का काम किया :मुख्यमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस सड़ाने-जलाने और बेचने वाली नीति पर चलती रही जबकि भाजपा ने इंदौर की विरासत को भव्य रूप में एक बार फिर जनता को समर्पित किया है. भाजपा सरकार ने इंदौर का मान लौटाने का काम किया है.' वहीं, विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा, '276 साल बाद इंदौर के राजवाड़ा का वैभव लौट सका है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका लोकार्पण कर इंदौर को गौरान्वित किया है.'
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नए रूप में देख उत्साहित हुए लोग :दरअसल, इंदौर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राजवाड़ा के जीर्णोद्धार का काम लंबे समय से चल रहा था. इस हेरिटेज इमारत का पुराना स्वरूप बरकरार रखते हुए भव्यता दी जा रही थी. राजवाड़ा के क्षतिग्रस्त हिस्से को सुधार कर उसे दोबारा बनाना था. कई सालों के इंतजार के बाद लोग इसका नया कलेवर देखकर खासे उत्साहित नजर आए.