इंदौर। चार दिवसीय छठ महोत्सव की शुरुआत 28 अक्टूबर (शुक्रवार) को नहाय खाय से होगी. इस दिन छठ व्रतियों एवं उनके परिजनों द्वारा घर की सफाई कर शुद्ध किया जाएगा. इसके बाद छठव्रती स्नान कर शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण कर व्रत की शुरुआत करेंगी. व्रत का भोजन ग्रहण करने के बाद घर के बाकी सदस्य भोजन ग्रहण करेंगे. छठ महापर्व के दूसरे दिन 29 अक्टूबर (शनिवार) को खरना का आयोजन होगा. जिसके बाद सुबह व्रती स्नान ध्यान करके पूरे दिन का व्रत रखेंगी. इस दिन संध्याकाळ व्रतियों द्वारा मिट्टी के बने नए चूल्हे आम की लकड़ी से पूजा के लिए गुड़ से बनी खीर एवं गेहूं की रोटी का प्रसाद का भोग लगाया जाएगा. इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास होगा. खरना के अगले दिन छठ व्रतियों के घरों में भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए प्रसाद भी बनाया जाएगा. (Chhath Puja 2022) (chhat festival 2022)(indore chhath mahaparv)(chhath puja 80 ghats in indore) (Chhath Puja 2022 Date)
पूर्वांचल के लोगों में उत्साह: छठ महापर्व के तीसरे दिन 30 (रविवार) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को व्रती महिलाएं एवं पुरुष अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य देंगे. छठ महापर्व का समापन 31 अक्टूबर (सोमवार) को श्रद्धालुओं द्वारा उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात समाप्त होगा. शहर के 80 से अधिक घाटों पर छठ महापर्व का आयोजन होगा. कोरोना महामारी के दो साल बाद इस वर्ष शहर भर में छठ महापर्व का आयोजन वृहद रूप से बिना किसी प्रतिबंध के आयोजित किया जा रहा है. जिसके कारण शहर के पूर्वांचल के निवासियों में विशेष उत्साह है.