इंदौर। आंखफोड़वा कांड में फंसे इंदौर के आई हॉस्पिटल पर स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पुलिस ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जहां कमिश्रर और कलेक्टर ने आखंफोड़वा कांड के जिम्मेदारों पर प्रकरण दर्ज करने का फरमान जारी कर दिया था. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दोषी डॉक्टर पर प्रकरण दर्ज करने देर रात छत्री पूरा थाने पहुंचे.
पुलिस के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते अधिकारियों को घंटों थाने पर बिठाकर कई तरह के सवाल पूछने के बाद उन्हें रवाना कर दिया गया. जब यह बात उच्च अधिकायरियों तक पहुंची, तो उन्होंने फरमान जारी कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए. तब कहीं जाकर आरोपी डॉक्टर पर प्रकरण दर्ज हुआ.
कुछ दिन पहले इंदौर के छतरीपुरा थाना क्षेत्र में स्थित आई हॉस्पिटल में 11 लोगों की इलाज के दौरान आंखों की रोशनी चली गई थी. जिसके बाद स्वास्थ विभाग ने पूरे मामले में जांच कर रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी. उच्च अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच की, साथ ही आई हॉस्पिटल के जिन डॉक्टरों की निगरानी में ऑपरेशन किए गए थे उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए.
जिम्मेदार डॉक्टरों पर पुलिस ने की कार्रवाई
जिसके बाद बुधवार रात को इंदौर कलेक्टर और कमिश्नर के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी छत्रीपुरा थाने में प्रकरण दर्ज करवाने पहुंचे. लेकिन जब अधिकारी प्रकरण दर्ज करवाने के लिए छतरीपुरा पहुंचे, तो थाना प्रभारी सहित आला अधिकारी उनसे कई तरह के सवाल जवाब करने लगे. वहीं दस्तावेजों में खामियां निकालकर स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को रवाना कर दिया.
जब स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने कलेक्टर और कमिश्नर को पूरे मामले की जानकारी दी, तो तत्काल में गुरूवार को दोषी डॉक्टरों पर मामला दर्ज हुआ. जिसके बाद आई हॉस्पिटल के प्रबंधक सुधीर महाशब्दे और ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर सुहाग वन डे के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है. वहीं दो अन्य डॉक्टरों की भी तलाश की जा रही है.