इंदौर।लॉकडाउन के दौरान पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ताओं की परेशानी को समझते हुए वसूली अभियान रोक दिया था. लेकिन अब अनलॉक होते ही पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी फिर से अपना वसूली अभियान शुरू करने जा रही है. बता दें कि लॉकडाउन की वजह से पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ताओं से राशि वसूली नहीं की है. जिससे कई उपभोक्ताओं के बिल की राशि हजार से लाख रुपये तक पहुंच गई है. ऐसे उपभोक्ताओं की परेशानी कम करने के लिए पश्चिमी विधुत वितरण कंपनी शिविर लगाने के साथ ही अपना वसूली अभियान तेज करेगी ताकि कंपनी का राजस्व बढ़ाया जा सके.
पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी इंदौर पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी का शिविर
पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी ने पिछले 3 महीनों से लॉकडाउन के दौरान वसूली अभियान रोक दिया था. लेकिन अनलॉक होते ही कंपनी ने वसूली प्रक्रिया तेज कर दी है. जिन उपभोक्ताओं ने पिछले 3 महीनों से बिल नहीं भरा है. उनके बिलों की राशि हजारों लाखों में पहुंच गई है. जिसके कारण शासन ने भी पिछले दिनों राहत देने की घोषणा की थी लेकिन राहत निम्न उपभोक्ता को मिली. लेकिन उसके बाद अभी भी कई उपभोक्ता लगातार जोन पर जाकर अधिकारियों से बिल कम करने को लेकर चक्कर लगा रहे हैं.
उपभोक्ताओं को नहीं मिली कोई राहत
बिलों में राहत नहीं मिलते देख पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी विभिन्न क्षेत्रों में शिविर लगा रहा है और शिविर लगाकर ऐसे उपभोक्ताओं को चिन्हित कर उनकी राशि को कम करने की योजना बना रहा है. पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी जिस तरह से उपभोक्ताओं की परेशानी को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. वह आम उपभोक्ताओं तक पहुंच पाएगी या नहीं.
तीन महीने में 100 करोड़ रुपये बकाया
पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी के सिटी इंजीनियरिंग कामेश श्रीवास्तव के मुताबिक उपभोक्ताओं पर पिछले तीन महीनों से तकरीबन 100 करोड़ रुपए की राशि बकाया है. लेकिन कंपनी ने धीरे-धीरे अपनी वसूली प्रकिया को तेज कर दिया है. आने वाले दिनों में कंपनी विभिन्न क्षेत्रों में वसूली अभियान चलाकर कई क्षेत्रों के उपभोक्ताओं से बकाया राशि वसूलेगी.
अब देखना होगा कि पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी इंदौर में जिस तरह से उपभोक्ताओं की परेशानियों को देखते हुए वसूली अभियान चलाने की बात कर रही है. वसूली अभियान आने वाले दिनों में कितना कारगर साबित होगा. लेकिन इस बात को भी नहीं झूठलाया जा सकता है कि उपभोक्ता अपने बिलों की राशि को कम करवाने के लिए जोन से लेकर कंपनी के आला अधिकारियों के दफ्तर में चक्कर लगा रहे हैं.