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आपदा को अवसर में बदलने की तैयारी, महामारी के बीच अब इन सेक्टर्स में नौकरियों की बारी

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Published : Aug 17, 2020, 10:37 PM IST

दुनिया भर में फैली वैश्विक महामारी के बीच जहां आर्थिक मंदी और बेरोजगारी बढ़ी है, वहीं आपदा के चलते बदल चुके परिदृश्य के बीच रोजगार के नए अवसर और व्यापार, व्यवसाय के नए सेक्टर्स में संभावनाओं के द्वार खुलने जा रहे हैं. अमेरिकी रिसर्च एजेंसी मैकेंजी ग्लोबल इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 2025 तक जहां साढे चार करोड़ परंपरागत रोजगार समाप्त हो जाएंगे, वहीं डिजिटल इकोनमी के विस्तार के फलस्वरुप 6 करोड़ से ज्यादा रोजगार के अवसर बनेंगे. देश के अर्थशास्त्रियों के मुताबिक जल्द ही दुनियाभर में भारतीय कुशल श्रमिकों की मांग एक बार फिर बढ़ेगी.

एमपी में रोजगार
Employment in mp

इंदौर। कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के चपेट में आए रोजगार के तमाम सेक्टरों में आपदा के बीच अब नई उम्मीदें तलाशी जा रही हैं. दरअसल देश में कोरोना महामारी के बीच रोजगार और कैरियर के तमाम परिदृश्य बदल चुके हैं. यह बात और है कि संक्रमण के दौर में अब ई-कॉमर्स, डिजिटल मार्केटिंग, इंश्योरेंस फार्मा और एफएमसीजी सेक्टर रोजगार की दृष्टि से संजीवनी साबित हो रहे हैं.

एमपी में रोजगार के अवसर

दरअसल, मार्च और अप्रैल से आम लोगों की बदली जरूरतें और बीमारी से बचने के संसाधनों की जरूरतों ने ना केवल लोगों का रहन सहन बदला है, बल्कि रोजगार और उद्योग सेक्टर से जुड़े तमाम तरह के कामकाज का परिदृश्य भी बदल दिया है. इस दौर में एग्रीकल्चर, फार्मा उद्योग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ई-कॉमर्स, एफएमसीजी और इंश्योरेंस जैसे सेक्टरों में कामकाज और बाजार का रुख बदल चुका है.

यही वजह है कि भारत जैसे देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था के दौर में परंपरागत रोजगार तो खत्म होंगे, लेकिन डिजिटल दौर की नई नौकरियां और रोजगार बढ़ने वाले हैं. विश्व प्रसिद्ध सर्वे एजेंसी मैकेंजी ग्लोबल इंस्टिट्यूट की हालिया रिपोर्ट टेक्नोलॉजी टू ट्रांसफॉर्म ए कनेक्टेड नेशन के तहत 2025 तक देश में 6 करोड़ से ज्यादा रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.

वहीं इसकी वजह से करीब 4 करोड़ से अधिक परंपरागत नौकरियां समाप्त हो जाएंगी. इस सब के बावजूद डिजिटल दौर में करीब 2 करोड़ से ज्यादा नई नौकरियों के अवसर बनेंगे. जिसका लाभ डिजिटल सेक्टर में आगे बढ़ रहे भारतीय कुशल श्रमिकों और युवाओं को होने वाला है.

पांच सेक्टरों में बढ़ेंगे 25 फीसदी रोजगार

देश के कैरियर काउंसलर और अर्थशास्त्रियों के मुताबिक ई-कॉमर्स डिजिटल मार्केटिंग इंश्योरेंस फार्मास्युटिकल्स और एफएमसीजी सेक्टर आगामी समय के सबसे अधिक रोजगार प्रदाता सेक्टर होंगे जिनमें 25 फीसदी की दर से रोजगार के अवसर बढ़ने वाले हैं. इन सेक्टरों पर गौर किया जाए तो मार्च के बाद से पूरी दुनिया में फैली महामारी के बावजूद फार्मास्यूटिकल सेक्टर एक मात्र ऐसा सेक्टर था, जहां रोजगार घटने की बजाय तेजी से बढ़े.

अप्रैल और मई में 120 देशों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाई के निर्यात के दौरान इस सेक्टर में जबरदस्त उछाल आया. इसके अलावा शहरों के बड़े उद्योगों से लेकर कस्बों तक N-95 मास्क और सेनिटाइजर का निर्माण लघु उद्योग के रूप में बदल गया. आज देश भर में मास्क और सेनिटाइजर की हजारों इकाइयां कार्यरत हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है.

इसके अलावा इंश्योरेंस सेक्टर में भी भारी उछाल आया है क्योंकि कोरोना वायरस के दौर में बड़ी संख्या में लोग अपने जीवन की सुरक्षा और उपचार की आत्मनिर्भरता के लिए इंश्योरेंस पर भरोसा कर रहे हैं. इसी तरह खानपान और आम लोगों के दैनिक जरूरतों से जुड़े एफएमसीजी सेक्टर में तमाम जरूरत की चीजों की मांग बढ़ी है. जिसके कारण इस सेक्टर में बीते 4 महीने में ही 25 से 30 परसेंट की तेजी आ चुकी है.

चिकित्सा क्षेत्र में प्रोफेशनल की बढ़ती मांग

कोरोना महामारी के कारण भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आर्थिक पैकेज और इलाज के संसाधनों और सेक्टरों के तेजी से विकास के फलस्वरुप संक्रमण और चिकित्सा क्षेत्र के प्रोफेशनलस की मांग लगातार बढ़ी है. देशभर के कोरोना संक्रमित क्षेत्रों में पृथक से स्थापित किए जा रहे कोरोना केयर के लिए निर्धारित अस्पतालों में नए सिरे से डॉक्टरों के साथ सर्वे टीम पैरामेडिकल स्टाफ समेत अन्य लोगों की जरूरत महसूस की जा रही है.

ऑनलाइन एजुकेशन ने बदला परिदृश्य

कोरोना महामारी के कारण देशभर के शैक्षणिक संस्थान बीते 4 महीने से बंद होने के बाद देश के ऑनलाइन शिक्षण परिदृश्य में तेजी से उछाल आया है. शिक्षण और कैरियर का आलम यह है कि छात्र-छात्राएं यूपीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं को छोड़कर ई-कॉमर्स, इलेक्ट्रॉनिक एजुकेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कोरोना संक्रमण के बचाव से जुड़े औद्योगिक सेक्टर की तरफ रुख कर रहे हैं.

वर्क फ्रॉम होम का कल्चर भी तेजी से बढ़ा है. इसके अलावा फार्मा सेक्टर में जारी नवाचारों के मद्देनजर वेबीनार वर्चुअल टेक्नोलॉजी की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. ऑनलाइन बिजनेस के ऐप के अलावा मास्क और फेस शील्ड सहित ऑटोमोबाइल सेक्टर और रोबोटिक टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में पढ़ाई करना चाहते हैं.

इन हालातों के चलते इंदौर जैसे एजुकेशन हब में अब अधिकांश शैक्षणिक संस्थानों में परंपरागत कोर्स एडमिशन के लिहाज से अनुपयोगी साबित हो चुके हैं. वहीं कोचिंग संस्थानों और हॉस्टलों को छोड़ छात्र-छात्राएं ऑनलाइन एजुकेशन के जरिए ही तरह तरह के कोर्स करना चाहते हैं. यही वजह है कि विश्वविद्यालयों के तमाम शैक्षणिक संस्थान भी अब छात्र छात्राओं को महामारी से संबद्ध सेक्टरों में पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.

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