इंदौर। कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के चपेट में आए रोजगार के तमाम सेक्टरों में आपदा के बीच अब नई उम्मीदें तलाशी जा रही हैं. दरअसल देश में कोरोना महामारी के बीच रोजगार और कैरियर के तमाम परिदृश्य बदल चुके हैं. यह बात और है कि संक्रमण के दौर में अब ई-कॉमर्स, डिजिटल मार्केटिंग, इंश्योरेंस फार्मा और एफएमसीजी सेक्टर रोजगार की दृष्टि से संजीवनी साबित हो रहे हैं.
दरअसल, मार्च और अप्रैल से आम लोगों की बदली जरूरतें और बीमारी से बचने के संसाधनों की जरूरतों ने ना केवल लोगों का रहन सहन बदला है, बल्कि रोजगार और उद्योग सेक्टर से जुड़े तमाम तरह के कामकाज का परिदृश्य भी बदल दिया है. इस दौर में एग्रीकल्चर, फार्मा उद्योग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ई-कॉमर्स, एफएमसीजी और इंश्योरेंस जैसे सेक्टरों में कामकाज और बाजार का रुख बदल चुका है.
यही वजह है कि भारत जैसे देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था के दौर में परंपरागत रोजगार तो खत्म होंगे, लेकिन डिजिटल दौर की नई नौकरियां और रोजगार बढ़ने वाले हैं. विश्व प्रसिद्ध सर्वे एजेंसी मैकेंजी ग्लोबल इंस्टिट्यूट की हालिया रिपोर्ट टेक्नोलॉजी टू ट्रांसफॉर्म ए कनेक्टेड नेशन के तहत 2025 तक देश में 6 करोड़ से ज्यादा रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
वहीं इसकी वजह से करीब 4 करोड़ से अधिक परंपरागत नौकरियां समाप्त हो जाएंगी. इस सब के बावजूद डिजिटल दौर में करीब 2 करोड़ से ज्यादा नई नौकरियों के अवसर बनेंगे. जिसका लाभ डिजिटल सेक्टर में आगे बढ़ रहे भारतीय कुशल श्रमिकों और युवाओं को होने वाला है.
पांच सेक्टरों में बढ़ेंगे 25 फीसदी रोजगार
देश के कैरियर काउंसलर और अर्थशास्त्रियों के मुताबिक ई-कॉमर्स डिजिटल मार्केटिंग इंश्योरेंस फार्मास्युटिकल्स और एफएमसीजी सेक्टर आगामी समय के सबसे अधिक रोजगार प्रदाता सेक्टर होंगे जिनमें 25 फीसदी की दर से रोजगार के अवसर बढ़ने वाले हैं. इन सेक्टरों पर गौर किया जाए तो मार्च के बाद से पूरी दुनिया में फैली महामारी के बावजूद फार्मास्यूटिकल सेक्टर एक मात्र ऐसा सेक्टर था, जहां रोजगार घटने की बजाय तेजी से बढ़े.
अप्रैल और मई में 120 देशों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाई के निर्यात के दौरान इस सेक्टर में जबरदस्त उछाल आया. इसके अलावा शहरों के बड़े उद्योगों से लेकर कस्बों तक N-95 मास्क और सेनिटाइजर का निर्माण लघु उद्योग के रूप में बदल गया. आज देश भर में मास्क और सेनिटाइजर की हजारों इकाइयां कार्यरत हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है.