इंदौर। एयरपोर्ट रोड पर विराजित माता बिजासन की ख्याति पूरे प्रदेश व्याप्त है. दूर-दूर से लोग माता के दर्शन के लिए आते हैं. बिजासन माता का इतिहास भी काफी पुराना है और मेहर के राजा आल्हा और इंदल से माता बिजासन का अस्तित्व जुड़ा हुआ है और उनसे संबंधित कई कहानियां प्रचलित हैं.
नवरात्रि: आल्हा और इंदल से जुड़ा है माता बिजासन का इतिहास, जाने मंदिर से जुड़े खास तथ्य - mp news
इंदौर के एयरपोर्ट रोड पर विराजित है माता बिजासन की ख्याति पूरे प्रदेश के साथ देश में भी है. प्रदेश का यह पहला मंदिर है जहां पर माता बिजासन अपनी 9 शक्तिपीठों के साथ विराजित हैं.
ऐसी मान्यता है कि माता बिजासन से जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नत मांगता है, तो उसकी मन्नत अवश्य पूरी होती है. बिजासन माता के भक्तों के लिए यहां पर कई संगठनों के द्वारा विभिन्न तरह की व्यवस्था भी की जाती है. कोई सामाजिक संगठन माता के भक्तों के लिए स्वल्पाहार की व्यवस्था करता है, तो कोई जलपान की व्यवस्था करता है. सभी अपनी भक्ति के अनुसार यहां पर भक्तों के लिए किसी ना किसी तरह की व्यवस्था करते हैं.
बिजासन माता पर नवरात्रि के नौ दिन कई तरह के आयोजन किए जाते हैं, जहां सुबह से नवदुर्गा का पाठ किया जाता है. वहीं 9 दिनों तक माता के नौ रूपों का यहां पर श्रृंगार किया जाता है. वहीं प्रदेश का यह पहला मंदिर है, जहां पर माता बिजासन अपनी 9 शक्तिपीठों के साथ विराजित हैं.