इंदौर। विभिन्न विभागों की चयन परीक्षाओं में गड़बड़ियों को लेकर विवादों में बने रहने वाले व्यवसायिक परीक्षा मंडल की निष्पक्षता पर एक बार फिर सवाल खड़े हुए हैं. ताजा मामला हाल ही में कृषि विस्तार अधिकारियों की नियुक्ति के लिए आयोजित परीक्षाओं में उजागर हुई धांधली का है. लिहाजा परीक्षार्थियों ने ही पेपर आउट होने से लेकर धांधली के जरिए मनचाहे लोगों को नियुक्ति देने संबंधी आरोप लगाते हुए व्यापम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इतना ही नहीं अब कृषि से संबंधित दर्जनों छात्र इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने जा रहे हैं.
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड
प्रदेश में कृषि विस्तार अधिकारियों के 876 पदों को भरने के लिए 9 एवं 11 फरवरी को प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा इंदौर समेत विभिन्न केंद्रों पर जो परीक्षाएं आयोजित की गई. उसका पेपर पहले से ही लीक होने की आशंका जताई जा रही है. दरअसल परीक्षा के रिजल्ट के मुताबिक मुरैना और भिंड के एक दर्जन छात्र ऐसे मेरिट सूची में स्थान पा गए थे जो 4 साल की अपनी डिग्री बामुश्किल 7 सालों में पूरी कर पाए. रिजल्ट को लेकर चौंकाने वाला तथ्य यह भी है कि प्रश्न पत्र में जो प्रश्न गलत पूछे गए थे एवं उनका उत्तर भी गलत था इन तमाम छात्रों ने सभी प्रश्नों के गलत होते हुए एक साथ एक जैसे जवाब दिए.
मेरिट में आए भिंड-मुरैना के फिसड्डी छात्र प्रश्नों के हल हूबहू
यहीं स्थिति सही प्रश्नों को लेकर पाई गई. जिसमें एक साथ सभी के प्रश्नों के हल हूबहू एक जैसे हैं और सभी ने हुबहू एक जैसे ही प्रश्नों को उत्तर के लिए चुना है. ऐसी स्थिति में आशंका जताई जा रही है कि जो छात्र मेरिट में आए हैं. उन्हें परीक्षा का पेपर पहले ही मिल गया था. लिहाजा शिकायतकर्ता छात्रों ने आरोप लगाया है कि जिन छात्रों ने गलत प्रश्नों के गलत उत्तर दिए, उन्हें पहले से ही प्रश्न पत्र मिल चुका था, इतना ही नहीं सभी ने एक समान एक जैसे उत्तर गलत बताए हैं.
मेरिट में आए भिंड-मुरैना के फिसड्डी छात्र मेधावी छात्रों को झटका
इसके अलावा पता यह भी चला है कि इन सभी छात्रों द्वारा परीक्षा के आवेदन एक साथ किए गए और योजनाबद्ध तरीके से इन्हें परीक्षा केंद्र भी एक जैसे आवंटित हुए यही वजह है कि सभी सभी ने इतने अधिक अंक प्राप्त किए हैं कि आज तक इस परीक्षा में किसी भी मेधावी परीक्षार्थी ने ऐसी रैंक हासिल ही नहीं की. परीक्षा परिणामों में चौंकाने वाली स्थिति से निराश इंदौर समेत अंचल के वे दर्जनों छात्र खासे निराश हैं, जो मेधावी होने के साथ कई सालों से इस परीक्षा का इंतजार कर रहे थे. लिहाजा इन तमाम छात्रों ने अब इस परीक्षा को निरस्त कराने को लेकर मोर्चा खोल दिया है. जिन्होंने धांधली संबंधी प्रमाण एकत्र करते हुए अब पूरे मामले में राज्य सरकार से न्याय की फरियाद की है यही नहीं अब इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की भी तैयारी है. जिससे कि पात्र परीक्षार्थियों को नियुक्ति का लाभ मिल सके.
मेधावी छात्रों ने पेपर लीक का लगाया आरोप ब्लैक लिस्टेड NSEIT कंपनी ने आयोजित कराई थी परीक्षा प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने इन परीक्षाओं को संपन्न कराने का टेंडर मुंबई की nseit कंपनी को दिया था. दरअसल यह कंपनी परीक्षाओं में सुरक्षा मापदंडों और पारदर्शिता रख पाने में पहले से ही विफल बताई गई है. इस कंपनी को उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु सहित कई राज्यों में परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद ब्लैक लिस्ट किए जा चुका है, छात्रों के मुताबिक 2017 में उत्तर प्रदेश सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में भी इस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है. इसके अलावा कई राज्यों में हैकर्स ने इस कंपनी के सर्वर को हैक करके पेपर और आंसर शीट दोनों को व्हाट्सएप वीडियो स्क्रीनशॉट और अन्य माध्यमों से लीक किया गया था.
पूर्व में भी 21 छात्र पाए गए थे संदिग्ध
व्यापम घोटाले में 2012 में आयोजित प्री एग्रीकल्चर टेस्ट में भी ऐसे 21 छात्र पाए गए थे. जिन्होंने हुबहू एक जैसे प्रश्नों के सही और गलत जवाब दिए थे. इतना ही नहीं यही छात्र रैंकिंग में भी आए थे. उस दौरान भी एक शिकायत के मामले में कृषि महाविद्यालय ग्वालियर के अधिष्ठाता ने व्यापम के संचालक को पत्र लिखकर संदेहास्पद छात्रों के मूल दस्तावेज ओएमआर शीट के अलावा दस्तावेजों की जानकारी मांगी थी, जो आज तक उपलब्ध नहीं हुई.
- इन सवालों को लेकर छात्र हाईकोर्ट जाएंंगे.
- परीक्षा में सफल हुए सभी टॉपर भिंड और मुरैना के ही कैसे हैं.
- एग्रीकल्चर के जो तीन उत्तर व्यापम द्वारा गलत दिए गए वह इन्हें पहले से ही पता कैसे चला मेरिट के सभी अभ्यर्थी एक ही जाति विशेष के हैं.
- जो कंपनी कई राज्यों में ब्लैक लिस्टेड है उसे एग्जाम कराने का ठेका कैसे मिल गया.सभी मेरिट होल्डर अभ्यर्थियों ने एक जैसे प्रश्नों को गलत किया है वह आखिर कैसे संभव है.
प्राइवेट जॉब करते हैं सभी टॉपर
शिवकुमार शर्मा मुरैना, संजय शर्मा मुरैना, जितेंद्र शर्मा मुरैना, मोहन शर्मा भिंड, रविंद्र शर्मा भिंड, मनीष शर्मा भिंड, निवेश शर्मा भिंड के अलावा बलराम त्यागी मुरैना, दीपक शर्मा मुरैना, दीपक रावत शिवपुरी टॉपर रहे हैं, जो सभी प्राइवेट कंपनी में जॉब कर रहे हैं.