इंदौर। मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा की एंट्री के पहले गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर इंदौर में कमलनाथ के प्रति सिख समुदाय की नाराजगी परेशानी का सबब बन गई है. माना जा रहा है कि इसका असर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर भी दिखाई दे सकता है. ऐसे में कांग्रेस के सामने इंदौर में राहुल गांधी की यात्रा के पड़ाव में बदलाव को लेकर भारी दबाव है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के रणनीतिकार इस मुद्दे पर कोई बीच का रास्ता निकलने की कोशिशों में है.
एमपी में राहुल गांधी को काले झंडे दिखाएगा सिख समुदाय इंदौर के खालसा स्टेडियम में है यात्रा का पड़ाव:बताया जा रहा है कि 23 नवंबर को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्यप्रदेश में बुरहानपुर से प्रवेश करेगी. इस बीच इंदौर में यात्रा का पड़ाव रखा गया है. इसके लिए खालसा स्टेडियम का चयन किया गया है. यह वही खालसा स्टेडियम है जहां गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के दौरान सिख समुदाय के बीच सिख कीर्तनकार मनप्रीत सिंह कानपुरिया ने गुरु ग्रंथ साहिब के सजे दीवान के सामने कमलनाथ के स्वागत सत्कार को लेकर आपत्ति जताई थी. उन्होंने कमलनाथ को इंदिरा हत्याकांड के बाद सिख समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया था. इस घटना के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गर्मा गया था. जिसके बाद कांग्रेस सिख समुदाय को लेकर डैमेज कंट्रोल की कोशिशों में जुटी है.
राहुल गांधी को काले झंडे दिखाए जाएंगे: भारत जोड़ो यात्रा के इंदौर आगमन पर यात्रा के पड़ाव लिए खालसा स्टेडियम तय होने पर सिख समुदाय ने आपत्ति जताई है. हालांकि भारत जोड़ो यात्रा कि सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा प्रदेश सरकार और प्रशासन पर है, बावजूद बीजेपी से जुड़े सिख समुदाय के नेताओं ने यात्रा के दौरान इंदौर में राहुल गांधी को खालसा स्टेडियम आने पर काले झंडे दिखाए जाने का एलान किया है. इतना ही नहीं भाजपा से जुड़े सिख समुदाय के प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि राहुल गांधी के साथ कमलनाथ के आने पर कमलनाथ का भी विरोध किया जाएगा.
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बीच का रास्ता निकालने में जुटी कांग्रेस: पूर्व मुख्यमंत्री और राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के एमपी में समन्वयक कमलनाथ इस विरोध की राजनीति के चलते परेशानी में हैं. जिसकी वजह है कि मध्यप्रदेश में राहुल गांधी के साथ प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते कमलनाथ मौजूद रहेंगे. ऐसे में वे इंदौर में यात्रा के पड़ाव के दौरान राहुल गांधी के साथ खालसा स्टेडियम पहुंचते हैं तो विरोध की स्थिति बन सकती है. खालसा स्टेडियम मामले को लेकर कमलनाथ पार्टी नेताओं से भी खासे नाराज हैं. जिन नेताओं ने प्रकाश पर्व के दौरान खालसा स्टेडियम में कमलनाथ के स्वागत की रूपरेखा तैयार की थी उनसे कमलनाथ की नाराजगी दिखाई भी देने लगी है. कमलनाथ के ही निर्देश पर हाल ही में उनके मीडिया समन्वयक रहे नरेंद्र सलूजा को यात्रा से संबंधित सारी गतिविधियों से मुक्त किया गया है.
बदला जा सकता है यात्रा का पड़ाव?विरोध की स्थिति बनने की हालात में माना जा रहा है कि यात्रा के पड़ाव में फेरबदल किया जा सकता है. यह फेरबदल आंशिक भी हो सकता है, हालांकि अभी इसकी कोईऔपचारिक घोषणा नहीं हुई है. दूसरी तरफ यात्रा की तमाम गतिविधियों से जुड़े पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मीडिया प्रभारी केके मिश्रा का मानना है कि पूरा सिख समाज राहुल गांधी कांग्रेस और कमलनाथ के साथ खड़ा है. कुछ भाजपा से जुड़े कार्यकर्ता इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं. मिश्रा कहते हैं कि जहां तक खालसा स्टेडियम में यात्रा के रुकने का जो इंतजाम किया गया है तो कांग्रेस ने निर्धारित शुल्क जमा करके स्टेडियम बुक किया है. विरोध के सवाल पर उनका कहना है कि राहुल गांधी की सुरक्षा की जिम्मेदारी शासन प्रशासन और पुलिस की है इसलिए विरोध की संभावना किसी के लिए कोई चुनौती नहीं है.
यात्रा के बीच गुजरात जा सकते हैं राहुल:मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा की पहले 21 और 22 नवंबर को एंट्री थी, लेकिन इस बीच गुजरात कांग्रेस चुनाव के मद्देनजर राहुल को 2 दिन के लिए गुजरात बुला रही है. बताया जा रहा है कि राहुल ने यात्रा के बीच चुनाव प्रचार के लिए गुजरात जाने की मंजूरी दे दी है. इस वजह से मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा का प्रवेश 23 नवंबर को होगा बुरहानपुर के यात्रा कार्यक्रमों के अलावा इंदौर में राहुल गांधी तीन रात रुक सकते हैं. इस दौरान नेहरू स्टेडियम में 50000 कार्यकर्ताओं का एक बड़ा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है. जिसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई है
कमल पटेल बोले एमपी आने से पहले माफी मांगे राहुल:राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर प्रदेश कृषि मंत्री कमल पटेल ने राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी ने प्रदेश के किसानों से वादा किया था कि कांग्रेस की सरकार बनने के 10 दिन के भीतर किसानों का कर्जा माफ कर देंगे, लेकिन उनका यह दावे आज तक पूरे नहीं हुए है. पटेल ने कहा कि जहां तक कमलनाथ का सवाल है तो वे 1984 में हुई सिख हिंसा के दोषी हैं इसीलिए सिख समुदाय उनका विरोध कर रहा है.